वॉशिंगटन: अमेरिका के एक थिंक-टैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार ना सिर्फ क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं बल्कि वह लड़ाई को नाभिकीय युद्ध के स्तर तक ले जाने का एकदम सटीक रास्ता भी हैं. अटलांटिक काउंसिल ने अपनी रिपोर्ट ‘एशिया इन सेकण्ड न्यूक्लियर एज’ में कहा है कि ऐसा मालूम पड़ता है कि पाकिस्तान ने अभी तक अपनी परमाणु हथियार योजना का संचालन शुरू नहीं किया है. इस महीने जारी रिपोर्ट में संस्था ने कहा है, ‘‘पाकिस्तान का परमाणु हथियार कार्यक्रम रक्षा और सुरक्षा के कारणों से खतरनाक है और इसलिए भी खतरनाक है कि वह एक सामान्य लड़ाई को नाभिकीय युद्ध बनाने का सबसे सटीक रास्ता है. ऐसा मालूम नहीं होता है कि पाकिस्तान ने अभी तक अपनी परमाणु हथियार योजना का संचालन शुरू किया है.’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में सबसे बड़ा खतरा बड़े, अत्याधुनिक और विविध परमाणु हथियारों से नहीं है बल्कि यह खतरा उनकी सुरक्षा कर रहे संस्थानों की स्थिरता को लेकर है. उसमें कहा गया है, ‘‘इस संबंध में, भविष्य में पाकिस्तान की स्थिरता का कयास लगाना आसान नहीं है.’’ पिछले चार दशकों में चरमपंथी जिहादी राज्येतर तत्वों के माध्यम से अफगानिस्तान और भारत में अशांति फैलाने की पाकिस्तान के प्रयासों से उसे भी तगड़ा झटका लगा है. यह रिपोर्ट गौरव कामपानी और भारत गोस्वामी ने लिखी है.
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने चेतावनी दी थी कि भारत अगर देश (पाकिस्तान) के परमाणु ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करता है, तो किसी को भी इस्लामाबाद से संयम बरतने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. आसिफ ने बीते 5 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना के प्रमुख बी.एस. धनोआ के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी था, जिसमें उन्होंने (धनोआ) कहा था कि अगर सर्जिकन स्ट्राइक करने की जरूरत पड़ी तो उनका लड़ाकू विमान पाकिस्तान के परणाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है और उन्हें नेस्तनाबूद कर सकता है. विदेश मंत्री ने यहां ‘यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस’ पर एक चर्चा के दौरान भारतीय नेताओं से ऐसा कोई कदम नहीं उठाने की चेतावनी देते हुए कहा कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.