इमरान खान ने जमानत मिलने पर पाकिस्तान में दोहराया शाहरुख खान का फेमस डायलॉग

नई दिल्ली: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख और पूर्व क्रिकेट कप्तान इमरान खान को पाकिस्तान टेलिविजन के मुख्यालय पर हमले के आरोप में अग्रिम जमानत मिल गई है. जमानत मिलने की खुशी को जाहिर करने के लिए इमरान खान ने भारतीय एक्टर शाहरुख खान की फिल्म के एक डायलॉग को दोहराया है. जमानत मिलने पर इमरान खान ने ट्वीट कर कहा, ‘माई नेम इज खान एंड आई एम नॉट अ टेररिस्ट। इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मुझे सादिक और इमरान बुलाया और धोखेबाजों मैं इससे बाहर निकला।’ मालूम हो कि शाहरुख खान ने फिल्म ‘माइ नेम इज खान’ फिल्म में ये डायलॉग कहा था.

अपनी कप्तानी में पाकिस्तान क्रिकेट टीम को इकलौता विश्व कप दिलाने वाले इमरान खान ने जमानत मिलने के बाद कहा, ‘फैसले ने साबित कर दिया कि मैं सच्चा (सादिक) और ईमानदार (आमीन) हूं, न कि आतंकवादी। मैं कानून का लाडला हूं क्योंकि मैं इसका पालन करता हूं।’ इस दौरान पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी नेता इमरान खान ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले नवाज शरीफ पर भी तंज कसा था. इमरान खान ने कहा था कि मैंने अपनी जिंदगी में कभी चोरी भी नहीं की, फिर भी आए दिन जांच से गुजरना पड़ता है. नवाज शरीफ तो अब तक मुझसे आधे से भी नहीं गुजरे हैं.

मालूम हो कि अगस्त 2014 में इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थकों और सहयोगी पाकिस्तान आवामी तहरीक ने कथित रूप से इस्लामाबाद के रेड जोन में हमला किया था।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने विपक्षी नेता इमरान खान को भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी करने पर मंगलवार (19 दिसंबर) को न्यायाधीशों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि लोग ‘‘दोहरा मापदंड’’ और ‘‘इंसाफ का कत्ल’’ बर्दाश्त नहीं करेंगे. शरीफ पनामा पेपर्स घोटाला मामले में देश के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) द्वारा उनके खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में आज जवाबदेही अदालत के समक्ष पेश हुए थे. उन्होंने परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की.

निजी विमान के जरिए लाहौर से इस्लामाबाद पहुंचे शरीफ अपनी बेटी मरियम शरीफ एवं दामाद मोहम्मद सफदर के साथ सीधे यहां जवाबदेही अदालत पहुंचे. शरीफ (67) रविवार को लंदन से यहां पहुंचे थे. शरीफ की पत्नी का गले के कैंसर का उपचार लंदन में चल रहा है. वह अपनी बीमार पत्नी से मिलने मरियम के साथ वहां गये थे. गत शुक्रवार (15 दिसंबर) को उच्चतम न्यायालय इमरान को अयोग्य ठहराने की मांग से जुड़ी याचिका खारिज कर दी थी.

शरीफ ने मंगलवार (19 दिसंबर) को दोहराया, ‘‘हम इस फैसले को देखते हुए अडिग हैं और मामला लोगों के पास ले जाते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अदालत के दोहरे मापदंड और इंसाफ के इस शर्मनाक कत्ल को ना तो पीएमएल-एन और ना ही यह देश बर्दाश्त करेगा.’’ शरीफ ने व्यंग्य करते हुए कहा, ‘‘अदालत के बाहर इस स्तर का इंसाफ इंसाफ के लिए होना चाहिए, तहरीक ए इंसाफ के लिए नहीं.’’ उन्होंने घोषणा की कि वह देश में न्याय की बहाली के लिए एक आंदोलन शुरू करेंगे.

शरीफ ने कहा, ‘‘हम देश में न्याय की बहाली के लिए वैसा ही आंदोलन शुरू करेंगे जैसा हमने एक बार न्यायपालिका की बहाली के लिए किया था.’’ आज अदालत परिसर और उसके आसपास भारी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. मंगलवार की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने यासिर बशीर नाम के एक गवाह को पेश किया था जो एक निजी बैंक में शाखा प्रबंधक हैं.

बशीर ने अदालत को शरीफ परिवार के बैंक खातों का ब्यौरा दिया. उन्होंने मरियम और शरीफ के बैंक खातों से हुए लेन देन के ब्यौरे भी मुहैया कराए. एक दूसरे गवाह शकील अंजुम नागरा ने संयुक्त जांच दल (जेआईटी) की प्रमाणित प्रतियां हासिल करने और उसे संबंधित विभागों के पास भेजने के संबंध में अपना बयान दर्ज कराया.

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