पटना जदयू: कन्हैया कुमार पर बोले प्रशांत किशोर

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने दिए बिहार की राजनीति में सीधे तौर पर सक्रिय होने के संकेत. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमले के साथ-साथ भाकपा नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya kumar) को लेकर रखी अपनी बात.

पटना. जदयू (JDU) से निकाले जाने के बाद पहली बार बिहार (Bihar) आए चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) मंगलवार को काफी तल्ख तेवर के साथ मीडिया से रूबरू हुए. पटना में सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar), भाजपा और बिहार की मौजूदा दौर की राजनीति पर उन्होंने अपनी बातें रखीं. साथ ही यह भी बता दिया कि वे इस बार किसी पार्टी या नेता के लिए नहीं, बल्कि बतौर राजनीतिक कार्यकर्ता बिहार आए हैं और लंबे समय तक रहेंगे. बीजेपी, जदयू और देश की कई राजनीतिक पार्टियों के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर या पीके के हमलों के केंद्र में भले ही नीतीश कुमार ही थे, लेकिन उनकी प्रेसवार्ता का असल निशाना प्रदेश में अगले कुछ महीनों में होने वाला विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) था, यह साफ दिखा. इसलिए किशोर ने नीतीश और बीजेपी के साथ भाकपा नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya kumar) को लेकर भी विचार प्रकट किया.

बिहार के लड़के हैं कन्हैया
प्रशांत किशोर ने पटना में मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कन्हैया कुमार के बारे में कहा कि वे उनसे पहले मिले हैं. प्रशांत किशोर ने कहा, ‘कन्हैया कुमार से मैं पहले भी मिला हूं. कन्हैया कुमार बिहार के लड़के हैं, कुछ करना चाहते हैं, मुझे उससे कोई गुरेज नहीं है.’ आपको बता दें कि सीपीआई नेता कन्हैया कुमार पिछले लगभग एक पखवाड़े से बिहार में यात्रा कर रहे हैं. अपनी यात्रा के दौरान कन्हैया प्रदेश के कई जिलों में जा रहे हैं और वहां केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में लोगों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. इस यात्रा के दौरान बिहार के कई जिलों में कन्हैया कुमार के काफिले पर हमले भी हुए हैं, जिसको लेकर वे चर्चा में बने हुए हैं.

इससे पहले प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को लेकर काफी सारी बातें की. किशोर ने नीतीश कुमार के विकास के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका नीतीश कुमार से दो बातों पर खास मतभेद रहा है. किशोर ने कहा, ‘सीएम नीतीश, गांधी-लोहिया और जेपी (जयप्रकाश नारायण) के विचार को मानने की बातें करते रहे हैं. लेकिन जो लोग गोडसे की विचारधारा के साथ खड़े हैं, उनके साथ नीतीश कैसे खड़े हैं. दोनों बातें नहीं होनी चाहिए.’

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