राजस्थान में जारी सियासी संकट अब अदालत पहुंच गई है। राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने के लिए पायलट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई अब अदालत पहुंच गई है। राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के नोटिस को चुनौती देने के लिए पायलट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राजस्थान हाई कोर्ट दोपहर 3 बजे सचिन पायलट खेमे की ओर से विधानसभा की ओर से जारी किए गए नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू होगी। हाईकोर्ट के जज सतीश चंद्र शर्मा की कोर्ट में सुनवाई होगी। इस बीच देवेश महेश्वरी वकील के तौर पर जयपुर पहुंच गए हैं। वहीं हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ऑनलाइन पैरवी कर सकते हैं। स्पीकर की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रखेंगे।
बता दें कि हाईकोर्ट में यह याचिका पीआर मीणा की ओर से लगाई गई है। वे टोडा भीम से विधायक है और पायलट ग्रुप से आते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पायलट समेत 19 विधायको की तरफ से याचिका लगी है। गौरतलब है कि बुधवार को राजस्थान विधानसभा के स्पीकर ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दल बदल कानून के तहत नोटिस भेजा है। इससे पहले खबर मिली थी कि स्पीकर के इस फैसले के खिलाफ पायलट सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। सचिन पायलट को 17 जुलाई तक विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का जवाब देना है।
पायलट सहित 19 को नोटिस
स्पीकर ने पायलट के साथ 19 और विधायकों को नोटिस भेजा है। पायलट कैंप के ये विधायक व्हिप जारी होने के बाद भी विधायक दल की बैठक में नहीं आए थे, ऐसे में सचिन पायलट की विधानसभा सदस्यता जा सकती है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, ‘‘सचिन पायलट सहित उन सभी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस जारी किए जाएंगे जो पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। ये नोटिस विधानसभा अध्यक्ष के जरिए जारी किए जाएंगे।’’ गौरतलब है कि पायलट सहित उनके समर्थक माने जाने वाले कई विधायक सोमवार और मंगलवार को यहां हुई पार्टी की विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। कुल 19 विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए।
इस बीच सचिन पायलट ने साफ किया है कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। सचिन पायलट ने कहा कि वो बीजेपी में नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, “मैंने कांग्रेस को राजस्थान में सत्ता में वापस लाने के लिए बहुत मेहनत की थी।” कांग्रेस आलाकमान के निर्णय के बाद पायलट ने अपने पहले बयान में कहा कि ‘सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।’ इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने फैसलों की जानकारी दी और दावा किया कि गहलोत सरकार को अस्थिर करने के षड्यंत्र में पायलट भी शामिल थे। पार्टी ने राजस्थान प्रांत युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से मुकेश भाकर को हटा दिया है। उनकी जगह विधायक गणेश घोघरा नये अध्यक्ष होंगे।
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर के अयोग्यता नोटिस को चुनौती देते हुए सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायक पृथ्वीराज मीणा राजस्थान उच्च न्यायालय पहुंचे, मामले की सुनवाई आज दोपहर 3 बजे होगी। हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी उनका प्रतिनिधित्व करेंगे। pic.twitter.com/UAE9IW12Mn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 16, 2020
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