प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति नौकरी करने वाला के बजाय नौकरी देने वाला बनाने पर जोर देती है। यह हमारी सोच और अप्रोच में रिफॉर्म लाने का प्रयास है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज शनिवार (1 अगस्त) को स्मार्ट इंडिया हैकाथन के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए हाल ही में लागू की गई नई शिक्षा नीति को लेकर कई बातें साझा कीं। इस दौरान पीएम मोदी प्रतिभागी छात्रों से रूबरू भी हुए और उनके इनोवेशन के बारे में भी जाना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति 2020 की तारीफ करते हुए इसे युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति नौकरी खोजने वालों के बजाय नौकरी देने वालों को बनाने पर जोर देती है।
नौकरी करने वाला के बजाय नौकरी देने वाला बनाने पर दिया जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार द्वारा लाई गई नई शिक्षा नीति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति नौकरी करने वाला के बजाय नौकरी देने वाला बनाने पर जोर देती है। यह हमारी सोच और अप्रोच में रिफॉर्म लाने का प्रयास है। पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वक्त सीखने, रिसर्च करने और इनोवेशन पर फोकस करने का है। नई शिक्षा नीति में ऐसे ही प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी ज्ञान की सदी है और तेजी से बदली दुनिया में भारत को भी तेजी से बदलना होगा।
नई शिक्षा नीति से भारत की भाषाएं बढ़ेंगी: पीएम
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें हमेशा से गर्व रहा है कि बीती सदियों में हमने दुनिया को एक से बढ़कर एक बेहतरीन साइंटिस्ट, बेहतरीन टेक्नीशियन, टेक्नोलॉजी एंटरप्रिन्योर दिए हैं। लेकिन ये 21वीं सदी है और तेजी से बदलती हुई दुनिया में, भारत को अपनी वही प्रभावी भूमिका निभाने के लिए उतनी ही तेजी से बदलना होगा। नई शिक्षा नीति से भारत की भाषाएं आगे बढ़ेंगी और उनका विकास होगा। यह भारत के ज्ञान को बढ़ाने के साथ ही एकता को भी बढ़ाएगी।
नई शिक्षा नीति शिक्षाविद डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों पर समर्पित है
पुरानी शिक्षा व्यवस्था की अप्रोच ने देश को बहुत बड़ी आबादी ऐसी दी है, जो पढ़ी-लिखी तो है, लेकिन जो उसने पढ़ा है उसमें से अधिकांश, उसके काम नहीं आता। डिग्रियों के अंबार के बाद भी वो अपने आप में एक अधूरापन महसूस करता है। शिक्षा व्यवस्था में अब एक सिस्टमैटिक रिफॉर्म, शिक्षा का इंटेंट और कंटेंट दोनों को बदलने करने का प्रयास है। हमारे संविधान के मुख्य शिल्पी और देश के महान शिक्षाविद डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर कहते थे कि शिक्षा सभी की पहुंच में होनी चाहिए। नई शिक्षा नीति इसी विचार के प्रति समर्पित है।
ऑनलाइन एजुकेशन के लिए नए संसाधनों का निर्माण हो- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि मौजूदा वक्त सीखने, रिसर्च करने और इनोवेशन पर फोकस करने का है। नई शिक्षा नीति में ऐसे ही प्रयास किए गए हैं। मैं युवाओं को तीन चीजों को नहीं छोड़ने की अपील करता हूं- सीखना, सवाल करना और हल करना। पीएम मोदी ने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन के लिए नए संसाधनों का निर्माण हो या फिर स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जैसे ये अभियान, प्रयास यही है कि भारत की शिक्षा और आधुनिक बने, मॉडर्न बने, यहां प्रतिभा को पूरा अवसर मिले। इसी कड़ी में कुछ दिन पहले देश की नई एजुकेशन पॉलिसी का ऐलान किया गया है। ये पॉलिसी 21वीं सदी के नौजवानों की सोच, उनकी जरूरतें, उनकी आशाओं-अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को देखते हुए बनाई गई है।
प्रतिभागी छात्रों ने इनोवेटिव आइडियाज को पीएम मोदी के साथ किया शेयर
स्मार्ट इंडिया हैकाथन के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों से संवाद के दौरान प्रतिभागी छात्रों ने अपने-अपने इनोवेटिव आइडियाज और तकनीकी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शेयर किया। पीएम ने भी प्रतिभागियों की हौसलाअफजाई की। प्रधानमंत्री से रूबरू होने पर स्टूडेंट भी काफी खुश दिखे। पहला स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2017 में शुरू किया गया था। इसे एचआरडी मिनिस्टिरी और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद संयुक्त रूप से आयोजित करती हैं। प्रधानमंत्री ने प्रतिभागियों को बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किसी तरह के अलर्ट सिस्टम के बनाए जाने को लेकर प्रेरित किया। उन्होंने पूछा कि क्या यह स्कूल बस, ऑटो, कैब को पुलिस कंट्रोल रूम के साथ रियल टाइम कनेक्ट हो सकता है।
Interacting with our bright young minds at the Smart India Hackathon. https://t.co/QTx5haooWN
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2020
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