नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन सभी मंत्रियों की डिटेल्स मांगी है जो सत्र में मौजूद रहने के लिए कहने के बावजूद गैर-हाजिर रहे. सदन में हाजिरी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी सदस्यों को एक महीने में दूसरी बार खिंचाई की है.
पीएम मोदी ने बीजेपी संसदीय दल की साप्ताहिक बैठक के दौरान मंगलवार को यह टिप्पणी करते हुए पूछा कि उन मंत्रियों के नाम बताएं जिनकी पार्लियामेंट ड्यूटी के रोस्टर में नाम होने के बावजूद गैर-हाजिर रहे.
मोदी की तरफ से मंगलवार को सदन में गैर हाजिर नेताओं के बारे में यह पहली टिप्पणी नहीं थी. इससे पहले, इस की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि बीजेपी उन संसद सदस्यों पर करीब से निगाह रखे हुए है जो बहस के दौरान सदन और पैनल से गैर-हाजिर रह रहे हैं.
उन्होंने बीजेपी नेताओं से यह कहा था कि वे सदन में हाजिरी रिकॉर्ड, उनके सवाल और संसदीय कमेटियों में उनके बर्ताव को देखेंगे. 2 जुलाई को बीजेपी संसदीय दल की बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा था- मैं सभी लोगों का इन सभी चीजों के आधार पर आकलन करता हूं और फिर उनके मंत्री पद के बारे में फैसला करता हूं.
उसके बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से तीन लाईन का व्हीप जारी किया गया था और सभी सासंदों से सदन में सत्र के दौरान मौजूद करने को कहा गया था.
प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सांसदों से कहा कि वे अपने संसदयी क्षेत्र में कोई एक खास काम करें. उन्होंने सांसदों को सुझाव दिया कि वे अपने क्षेत्र में गैर-राजीनतिक कार्यों में अपने संलिप्तता बढ़ाएं और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर उन योजनाओं को पूरा करें.
सांसदों को पीएम की हिदायत
पीएम ने बैठक में सांसदों से कहा कि अपने क्षेत्रों के लिए इनोवेटिव तरीकों से सोचें. उन्होंने सांसदों को सामाजिक कार्यों से जुड़ने के लिए भी कहा. पीएम ने पशुपालन पर चर्चा करते हुए सांसदों से मवेशियों से संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए कहा जो साल के इस वक्त में काफी फैलने लगती हैं. पीएम ने 115 पिछड़े जिलों में खास तौर पर सांसदों को काम करने की जरूरत बताई.
ड्यूटी को लेकर सख्ती
इस दौरान पीएम ने ड्यूटी पर आने को लेकर भी सांसदों पर सख्ती दिखाई. उन्होंने कहा, ‘जो मंत्री रोस्टर ड्यूटी में नहीं जाते उनके नाम मुझे दो, मुझे सबको ठीक करना आता है.’ पीएम ने बताया कि राज्यसभा और लोकसभा में मंत्रियों की दो-दो घंटे की ड्यूटी लगती है कई बार मंत्री सदन में नहीं होते तो विपक्ष पीएम को पत्र भेजकर शिकायत करता है.