नई दिल्ली: चारा घोटाले के एक मामले में दोषी साबित किए जाने के बाद लालू प्रसाद यादव को कितने दिनों की सजा मिलेगी रांची की सीबीआई अदालत कल इसका ऐलान करेगी। लालू को कितनी सजा होगी उससे आरजेडी और बिहार की आगे की सियासत तय होगी और इसी को लेकर सबकी नजरें इसी बात पर टिकी हैं कि लालू को कितने साल की सजा होगी। पार्टी उम्मीद कर रही है कि सजा 3 साल से कम हो जिससे कि लालू को जमानत मिल सके क्योंकि 3 साल से ज्यादा सजा होने पर जमानत मिलने में परेशानी हो सकती है।
लालू के वकील चितरंजन प्रसाद ने बताया कि इस मामले में अगर लालू और अन्य को दोषी ठहराया जाता है तो उन्हें अधिकतम सात साल और न्यूनतम एक साल की कैद की सजा होगी। हालांकि, सीबीआई अधिकारियों के मुताबिक, इस मामले में गबन की धारा 409 के तहत 10 साल और धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है। लालू को अगर तीन साल से कम की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तुरंत बेल मिल सकती है जबकि इससे अधिक सजा पर वकीलों के बेल के लिए हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा।
धारा-420 में सात साल की सजा व जुर्माना, धारा-467 यानी महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ जालसाजी करना और भी ज्यादा गंभीर आरोप है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है या फिर 10 साल तक कैद की सजा का प्रावधान है। 120 / बी के तहत दो साल उससे अधिक की सजा।
- लालू की सजा का ऐलान कल
- RJD नेताओं तेजस्वी, रघुवंश प्रसाद, मनोज झा को कोर्ट की अवमानना का नोटिस, फैसले के खिलाफ बोलने पर अवमानना का नोटिस
- लालू समेत 16 दोषियों को सुनाई जाएगी सजा
- लालू के परिवार का कोई सदस्य कोर्ट में मौजूद नहीं
- थोड़ी देर में CBI कोर्ट सुनाएगा लालू को सजा
- CBI कोर्ट पहुंचे लालू यादव, चारा घोटाले में आज सजा सुनाई जाएगी
क्या है चारा घोटाला?
- बिहार पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपये का घोटाला
- फर्जी बिलों से कोषागार से करोड़ों रुपये निकाले गए
- जानवरों के लिए चारा, दवाइयों की खरीद में घोटाला
- साल 1996 में पहली बार हुआ घोटाले का खुलासा
- नेता, अफसर, बिजनेसमैन का नेक्सस सामने आया
- साल 1997 में पहली बार चारा घोटाले में मुकदमा दर्ज
- अलग-अलग कोषागार से निकासी में कई मामले दर्ज
- एक मामले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा को सजा मिली
दोषी करार दिए जाने के बाद लालू और उनके बेटे तेजस्वी बेहद आक्रामक दिखे थे। दोनों ने फैसले के पीछे भाजपा की साजिश को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि फैसले से पहले लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप के तेवर थोड़े नरम दिखे और कोर्ट के सम्मान की बात की। लालू यादव पर आज चारा घोटाला में सज़ा का एलान होगा तो वहीं तेजस्वी यादव पर अवैध तरीके से प्रॉपर्टी बनाने के आरोपों की जांच चल रही है।
चारा घोटाले में कब क्या हुआ?
- जनवरी 1996-950 करोड़ का चारा घोटाला उजागर हुआ
- मार्च 1996-पटना हाईकोर्ट ने CBI को जांच सौंपी
- जून 1997-लालू समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया गया
- जून 1997-आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी के केस दर्ज
- जुलाई 1997-लालू को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देना पड़ा
- जुलाई 1997-न्यायिक हिरासत में भेजे गए लालू प्रसाद यादव
- अगस्त 1998-लालू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला
- अक्टूबर 2001-नया राज्य बनने के बाद मामला झारखंड को ट्रांसफर
- फरवरी 2002-रांची की विशेष CBI कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू
- दिसंबर 2006-आय से अधिक संपत्ति मामले में लालू , राबड़ी बरी
- मार्च 2012-44 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
- सितंबर 2013- लालू और जगन्नाथ मिश्र समेत 45 आरोपी दोषी
- अक्टूबर 2013-फर्जी निकासी मामले में सजा का ऐलान
- अक्टूबर 2013- लालू को 5 और जगन्नाथ मिश्र को 4 साल की जेल
- अक्टूबर 2013-लालू की लोकसभा सदस्यता खत्म हो गई
- अक्टूबर 2013-लालू पर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक
- दिसंबर 2017- देवघर ट्रेजरी केस में लालू यादव दोषी करार
23 दिसंबर को रांची की विशेष अदालत ने लालू को देवघर के सरकारी कोषागार से पैसों के गबन के मामले में दोषी माना था। लालू यादव पर सरकारी ट्रेजरी से करीब 89 लाख रुपये के गबन का केस चल रहा था। इस मामले में लालू यादव समेत 15 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है जबकि बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा समेत 7 लोग बरी किए गए। विरोधियों का कहना है कि लालू ने जो बोया वो ही काटना पड़ेगा। अब तक लालू यादव के सहारे ही आरजेडी की सियासत चलती रही है, लेकिन क्या बग़ैर लालू यादव के उनकी लालटेन की रोशनी पहले जितनी रहेगी?