राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी रहती है। पड़ोस के राज्यों के खेतों में पराली जलाना, दिल्ली की सड़कों पर अत्यधिक वाहनों का चलना, औद्योगिक क्षेत्रों में लगातार हो रहे नियमों के उल्लंघन से स्थिति खासकर ठंड के शुरुआती दिनों में स्थिति बिगड़ जाती है। आज केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को नोटिस भेजकर प्रदूषण को कम करने के लिए जरूरी उपाय करने के आदेश दिए हैं।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘पराली का जलना बंद हो गया है फिर भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी खराब है। कहीं-कहीं तो हवा की गुणवत्ता की सूचकांक 300 और 400 के ऊपर है।’ जावड़ेकर ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 50 टीमें रोजाना दिल्ली-एनसीआर में विभिन्न जगहों पर जाती है और वहां जो शिकायतें मिलती हैं, उन्हें संबंधित एजेंसी तक पहुंचाती है।
जावड़ेकर ने कहा कि उन शिकायतों पर कुछ काम तो होते हैं, लेकिन अधिकांश पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है। यह स्थिति की गंभीरता को दिखाता है। उन्होंने कहा कि आज केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।
उन्होंने कहा कि नोटिस में कचरा जलाना, कचरे का निष्पादन, भवन निर्माण के नियमों के उल्लंघन, औद्योगिक इलाके में उड़ धूल को लेकर चिंता जाहिर की गई है। साथ ही प्रदूषण के जो भी कारण है उसपर कार्रवाई करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और सभी एजेंसी को हरकत में आना चाहिए। जब पराली जलना बंद हो गया है तो प्रदूषण के अन्य कारणों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने औद्योगिक क्षेत्रों में टायर जलाने को लेकर भी चिंता प्रकट की।
Addressing Media on the directions given to Delhi Government relating to #AirPollution https://t.co/kzfb2fggEy
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) December 4, 2020
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