ब्राजील के राष्ट्रपति चुनाव में जेयर बोल्सोनारो बेहद कम मार्जिन से हार गए हैं। वह 1990 के दशक के बाद दूसरा कार्यकाल हासिल न करने वाले पहले राष्ट्रपति बन गए हैं।
ब्राजील के राष्ट्रपति चुनाव में दक्षिणपंथी नेता जेयर बोल्सोनारो वामपंथी लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा से हार गए हैं। वह 1990 के बाद देश के ऐसे पहले मौजूदा राष्ट्रपति हैं, जो पहले कार्यकाल के बाद दूसरे कार्यकाल में जीत हासिल नहीं कर सके। उनसे पहले के सभी राष्ट्रपति अपने पहले कार्यकाल में जीते थे। बोल्सोनारो ने बैलेट बॉक्स को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। इतिहास को देखें, तो 1998 में फर्नांडो हेनरिक कार्डसो, 2006 में खुद लूला और 2014 में डिल्मा रूसेफ सभी ने चार साल का दूसरा कार्यकाल हासिल किया था। चुनावी अधिकारियों ने लूला की जीत की घोषणा की, जिन्हें 51 फीसदी वोट मिले हैं। जबकि बोल्सोनारो को 49 फीसदी वोट मिले हैं।
बोल्सोनारो ने चार साल पहले बड़ी जीत हासिल की थी। लेकिन वह कई मामलों को लेकर लोगों के गुस्से के शिकार बने। जिनमें कोरोना वायरस का गलत प्रबंधन भी शामिल है। इस बीमारी की वजह से देश में 680,000 लोगों की मौत हो गई है। उनके कार्यकाल में ब्राजील की अर्थव्यवस्था कमजोर रही, लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले हुए और अमेजन के जंगलों में बीते 15 साल में सबसे ज्यादा पेड़ों की कटाई हुई। हालांकि जेयर बोल्सोनारो को लेकर अभी ऐसा माना जा रहा है कि शायद वह अपनी हार को स्वीकार नहीं करेंगे, बिलकुल वैसे ही जैसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था। बोल्सोनारो ट्रंप को अपना राजनीतिक रोल मॉडल मानते हैं।
नतीजों में बंटा हुआ दिखा पूरा ब्राजील
वहीं चुनाव के नतीजे देखें, तो हमें ब्राजील बंटा हुआ नजर आ रहा है। यानी देश की आधी जनता बोल्सोनारो का समर्थन कर रही है, जबकि आधी जनता लूला को पसंद करती है। ऐसे में कार्यभार संभालने के बाद से ही लूला को तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अपनी जीत की घोषणा के बाद 77 साल के लूला ने कहा, ‘सबसे पहले, मैं उन सभी साथियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जो यहां मेरे साथ हैं। हमारी लड़ाई सरकारी मशीनरी से थी, सिर्फ एक उम्मीदवार से नहीं, जिसने हमें यह चुनाव जीतने से रोकने की कोशिश की। वोट देने वाले सभी लोगों को मैं धन्यवाद देना चाहता हूं।’
शुरुआत में आगे चल रहे थे बोल्सोनारो
बोल्सोनारो मतगणना की शुरुआत में आगे चल रहे थे, लेकिन जैसे ही लूला ने उन्हें पछाड़ दिया, साओ पाउलो के सिटी सेंटर की सड़कें हॉर्न बजाती हुए कारों की आवाज से भर गईं। रियो डी जनेरियो के इपनेमा की सड़कों पर लोग चिल्लाने लगे। गरीब पूर्वोत्तर क्षेत्र में मारान्हो राज्य के रहने वाले 65 साल के सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी लुइज कार्लोस गोम्स ने कहा, ‘वह गरीबों के लिए सबसे अच्छे हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। उनके आने से पहले हम हमेशा भूखे मर रहे थे।’ साल 1985 में सैन्य तानाशाही के बाद लोकतांत्रिक व्यवस्था में वापसी के बाद से यह ब्राजील का सबसे ध्रुवीकरण वाला चुनाव था, जिसके खिलाफ संघ के पूर्व नेता लूला ने रैली की थी और सेना के पूर्व कप्तान बोल्सोनारो ने पुरानी यादों के साथ चुनाव का आह्वान किया था।
#MorbiTragedy | Such a number of casualties in one area is a first for us. Usually, it is an incident of boat capsizing. The only challenge is that this is muddy water that causes visibility issues when our divers go underwater: VVN Prasanna Kumar, NDRF Commandant pic.twitter.com/DddPhm9vgl
— ANI (@ANI) October 31, 2022
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