प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट से पहले अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ नीति आयोग में बैठक की। समझा जाता है कि इस बैठक में आर्थिक वृद्धि को गति देने के उपायों और अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हुई।
यह बैठक ऐसे समय आयोजित की गई, जब चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के गिरकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान सरकार ने लगाया है। इस उच्चस्तरीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन विवेक देवरॉय भी इस बैठक में मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कृषि, बुनियादी ढांचा क्षेत्र से जुड़े मुद्दों के साथ अन्य कई मसलों पर चर्चा हुई।
सरकार 2020-21 के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करने में जुटी है। ऐसे में यह बैठक अहम है। सरकार का ध्यान आर्थिक वृद्धि को फिर से रफ्तार देने पर होगा। अनुमान लगाया है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 11 साल के निचले स्तर पांच प्रतिशत तक रह सकती है।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा की थी। समझा जाता है कि बैठक में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने तथा रोजगार सृजन बढ़ाने के उपायों पर विचार विमर्श किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अपना दूसरा आम बजट पेश करेंगी।