पुणे: महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200 वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा में एक शख्स की मौत के बाद पूरे इलाके में तनाव के हालात बने हुए हैं. इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नेताओं के बयान नहीं देने की अपील की थी, जिसके बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला किया. राहुल गांधी ने ट्वीट किया है-‘ भारत के लिए RSS और बीजेपी का फासीवादी दृष्टिकोण ही यही है कि दलितों को भारतीय समाज में निम्न स्तर पर ही बने रहना चाहिए. उना, रोहित वेमुला और अब भीमा-कोरेगांव प्रतिरोध के सशक्त प्रतीक हैं.’
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक पुणे विवाद में डीजीपी ने बताया कि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पिंपरी रेलवे स्टेशन इलाके से इन दोनों की गिरफ्तारियां हुई हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए है. इसके साथ ही सीएम ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए नेताओं से अपील की है कि वे ऐसा कोई बयान न दें, जिससे तनाव हो. इसके साथ ही उन्होंने इस घटना में मारे गए शख्स के परिजनों को दस लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की है. उधर, पुलिस ने भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मामले की जांच और दोषियों को सजा दिए जाने की मांग की थी.
इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200 वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के हिंसा हो गई. इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था. पुलिस ने बताया कि जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तो आज दोपहर शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ के समारोह के दौरान हुई हिंसा के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले में जांच की मांग की है. शांति की अपील करते हुए पवार ने कहा कि राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों के लोगों को उत्तेजित करने वाले बयान दिये बगैर ही स्थिति का सामना संयम से करना चाहिए. भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200वीं वर्षगांठ पर एक जनवरी एक समारोह आयोजित किया गया था, जहां हिंसा होने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.