नागरिकता संशोधित कानून (CAA) को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में जारी विरोध के बीच पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने शुक्रवार को कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। पुरी में गोवर्धन मठ में अपने निवास में पत्रकारों से बात करते हुए, सरस्वती ने कहा कि दुनिया के कुल 204 देशों में से कई को मुस्लिम और ईसाई देश घोषित किया गया है, जबकि हिंदुओं के लिए ऐसा कोई देश नहीं है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिन्दू राष्ट्र नहीं हैं। ऐसे में पहले चरण में भारत, नेपाल और भूटान को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा है कि बाकी देशों में सताए जा रहे हिन्दुओं को इन तीन देशों में पुनर्वासित किया जाना चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि यदि कोई मुस्लिम किसी अन्य देश में खुद को उपेक्षित महसूस करता है और किसी विशेष राष्ट्र को छोड़ना चाहता है, तो उसे किसी भी मुस्लिम राष्ट्र में पुनर्वासित किया जाना चाहिए।
नागरिकता संशोधित कानून पर पुरी शंकराचार्य ने कहा कि वर्तमान में हुए हिंसा और अशांति से बचा सकता था अगर इसको लाने से पहले उचित परामर्श, चर्चा और लोगों के बीच जागरूकता के लिए पर्याप्त कदम उठाए गए होते। बता दें कि ओडिशा के कुछ हिस्सों कटक और नियाली क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया गया। शंकराचार्य की टिप्पणी उस समय आई है जब केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सीएए का विरोध करने के लिए ओडिशा समेत 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।
नागरिक संशोधन अधिनियम के समर्थन में संसद में मतदान करने वाले बीजू जनता दल ने आज राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के समर्थन में कहा कि इसमें कुछ भी नहीं है। BJD के प्रवक्ता प्रताप देब ने कहा कि 2020 का NPR, एनपीआर 2010 जैसा ही है। देश के लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आकलन करना आवश्यक है। राज्य सरकार ने जिला कलेक्टरों को प्रमुख जनगणना अधिकारियों के रूप में नामित करके जनगणना कार्यों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी तरह, इसने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेटों को जिला जनगणना अधिकारियों के रूप में नियुक्त किया।