शुक्रवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का बयान भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा था कि 1-2 दिन में मुख्यमंत्री पर फैसला हो जाएगा।
- राजस्थान में सियासी हंगामे के बीच बोले गहलोत
- मैं कहीं भी रहूं लेकिन राजस्थान की सेवा करूंगा: गहलोत
- राजनीति में जो होता है वो दिखता नहीं है: गहलोत
Rajasthan News: राजस्थान में सियासी गतिरोध के बीच सीएम अशोक गहलोत का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है, ‘मैं कहीं भी रहूं लेकिन राजस्थान की सेवा करूंगा। राजनीति में जो होता है वो दिखता नहीं है और जो दिखता है वो होता नहीं है।’ बता दें कि सियासी गलियारों में इस वक्त राजस्थान की राजनीति ही चर्चा में है। लोगों की नजर इस बात पर टिकी है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री बदला जाएगा या गहलोत अपनी कुर्सी को बचाकर रख पाएंगे। ये बात इसलिए भी लोगों के दिमाग में घूम रही है क्योंकि 4 दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात का हल क्या निकलेगा इसका जवाब तो समय के गर्भ में ही छिपा है।
केसी वेणुगोपाल का बयान चर्चा में
शुक्रवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का बयान भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा था कि 1-2 दिन में मुख्यमंत्री पर फैसला हो जाएगा। हालांकि, अब तक पार्टी की ओर से किसी तरह का कोई संकेत नहीं मिल सका है। इस बीच गहलोत का ताजा बयान कई कहानियां कहता है। जब वे ये कह रहे हैं कि वे राजस्थान की सेवा करेंगे तो इसका मतलब तो यही साबित होता है कि गहलोत अपनी कुर्सी को लेकर पॉजिटव रुख अपनाए हुए हैं।
क्या था पूरा मामला
कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अशोक गहलोत के दावेदार होने की चर्चाएं जोरों पर थीं। ऐसे में पार्टी आलाकमान राजस्थान में गहलोत के उत्तराधिकारी की तलाश में था। कांग्रेस के सीनियर नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजा गया था। सीएम आवास में विधायक दल की एक बैठक होनी थी। लेकिन, बैठक से पहले ही मंत्री शांति धारीवाल के घर गहलोत खेमे के विधायक इकट्ठा हुए और सामूहिक इस्तीफे पर साइन कर दिए।
इसके बाद ये विधायक स्पीकर के आवास पहुंचे और उन्हें इस्तीफे सौंप दिए। इन विधायकों का कहना था कि पर्यवेक्षक अजय माकन अपने एजेंडे के साथ जयपुर आए हैं। वे सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के फिराक में हैं। बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित करवाना चाहते हैं। हालांकि, पर्यवेक्षकों ने दावे को खारिज किया था। इसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ा था और सचिन पायलट के समर्थकों और अशोक गहलोत के समर्थकों के बीच बयानबाजी भी हुई थी। पायलट और गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात भी की, जिसके बाद से सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि राजस्थान की राजनीति में क्या बदलाव होने जा रहा है।
Delhi LG VK Saxena wrote to CM Arvind Kejriwal for his absence at Raj Ghat and Vijay Ghat yesterday during the Birth Anniversary of Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri. pic.twitter.com/yprIpyLvsR
— ANI (@ANI) October 3, 2022
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