कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ में अब नए नाम के रूप में दिग्विजय सिंह शामिल हो चुके हैं। दिग्विजय सिंह शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस चुनाव से हटने की घोषणा की है। गुरुवार को अशोक गहलोत भी सोनिया गांधी से मिले थे।
मुख्य बातें
- राजस्थान में मचे हंगामे के बाद बैकफुट पर आए अशोक गहलोत
- कांग्रेस आलाकमान, अशोक गहलोत से बताया जा रहा है नाराज
- गुरुवार को गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर मांगी थी माफी
राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के बैकफुट पर आने के बाद गुरुवार को ही सचिन पायलट भी सोनिया गांधी से मिलने के लिए पहुंचे। इससे पहले अशोक गहलोत सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। इस मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा था कि उन्होंने राजस्थान प्रकरण के लिए सोनिया गांधी से माफी मांग ली है। हालांकि इसके बाद भी खबर है गहलोत से कांग्रेस आलाकमान नाराज है और उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाया जा सकता है।
इस मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा- “मैं आज कांग्रेस अध्यक्ष से मिला। उन्होंने शांति से मेरी बात सुनी। राजस्थान में जो कुछ हुआ, उस पर हमने विस्तृत चर्चा की। मैंने उन्हें अपनी भावनाएंं, अपनी प्रतिक्रियाएं बताईं। हम सभी कड़ी मेहनत करके 2023 का चुनाव जीतना चाहते हैं। हमें साथ काम करना होगा।”
सचिन पायलट की इस मुलाकात के बाद से अटकलें लगाई जा रही है कि पायलट अभी भी राजस्थान सीएम की रेस में बने हुए हैं। कहा जाता है कि कांग्रेस आलाकमान की चाहत थी कि पायलट राजस्थान का सीएम बनें और गहलोत कांग्रेस की अध्यक्ष पद की कुर्सी संभालें, लेकिन ऐसा हुआ नहींं। गहलोत समर्थक विधायकों ने विद्रोह कर दिया और पायलट के नाम पर सहमति नहीं बन पाई। जिसके कारण पहले से ही मुसीबतों का सामना कर रही कांग्रेस को और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उधर कांग्रेस की अनुशासन समिति ने गहलोत के तीन वफादारों- राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर से 10 दिनों के भीतर यह बताने को कहा है कि उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना क्यों नहीं करना चाहिए? इन पर कांग्रेस के राजस्थान पर्यवेक्षकों, मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट में घोर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया है।
अब सब की निगाहें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर टिकी हैं। कांग्रेस ने कहा है कि अगले एक दो दिन में राजस्थान के सीएम पद का फैसला हो जाएगा, गहलोत रहेंगे या जाएंगे ये फैसला सोनिया गांधी को ही लेना है।
https://twitter.com/narendramodi/status/1575541442004811777
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