योग गुरु बाबा रामदेव की ओर से कोरोना के इलाज की दवा कोरोनिल लॉचिंग के मामले में दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है। ऐसे में दवा लेकर रामदेव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोनिल के क्लीनिकल ट्रायल का डेटा हमने आयुष मंत्रालय क भेजा, आयुष मंत्रालय क सारे अप्रूवल लिए गए। हमने सभी पैरमीटर फॉलो किए। एफआईआर करो, देशद्रोही कह लो या आतंकी कह लो कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में योग के अंदर काम करना गुनाह है। मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। दवा बनाकर क्या मैंने कोई गुनाह कर दिया, सत्कार नहीं कर सकते तो तिरस्कार तो मत कीजिए। सिर्फ कोट टाई वाले रिसर्च करेंगे क्या, धोती वाले नहीं कर सकते।
दरअसल कोरोनिल के लॉन्च होने के बाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणि कुमार की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि पतंजलि योगपीठ की दिव्य फार्मेसी कंपनी ने वैश्विक महामारी कोरोना से निजात दिलाने के लिए कोरोनिल दवा बनाने का दावा किया है। रामदेव ने अपने सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के साथ बीते मंगलवार को हरिद्वार में यह दवा लांच की। याचिकाकर्ता का कहना है कि रामदेव ने इस संबंध में नियमों का अनुपालन नहीं किया है।
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