RBI MPC Result: रिजर्व बैंक इंडिया की तीन दिनों से चली आ रही बैठक आज समाप्त हो गई है. इसी के साथ देश की आम जनता को रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत दी है. यानि किसी भी लोन की कोई ईएमआई में बदलाव नहीं होगा.
नई दिल्ली: RBI MPC Result: रिजर्व बैंक इंडिया की तीन दिनों से चली आ रही बैठक आज समाप्त हो गई है. इसी के साथ देश की आम जनता को रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत दी है. यानि किसी भी लोन की कोई ईएमआई में बदलाव नहीं होगा. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक Repo Rate के साथ ही रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर रखा है. MSF रेट और बैंक रेट 6.75% पर बरकरार है. जबकि, SDF रेट 6.25% पर स्थिर है. आपको बता दें कि ये लगातार सातवीं बार हुआ है, जब आरबीआई ने अपनी रेपो रेट को स्थिर रखा है. इससे पहले 8 फरवरी 2023 को ही रेपो रेट में इजाफा किया गया था.आइये जानते हैं तीन दिन चली बैठक के नतीजे क्या रहे.
लगातार सातवीं बार रही स्थिर
आपको बात दें कि ये सातवीं बार हुआ है जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी रेपो रेट में कोई इजाफा नहीं किया है. सिर्फ फरवरी 2023 को हुई बैठक में इजाफा किया गया था. उसके बाद लगातार रेपो दरें स्थिर ही हैं.हालांकि रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है कि वित्त वर्ष 2025 में जमा राशि और क्रेडिट क्रमशः 14.5-15% और 16.0-16.5% तक बढ़ सकते हैं. हालांकि अभी इसका टाइम लगेगा. इसलिए चिंता करने की कोई बात नहीं है. बताया जा रहा है कि इन दिनों चुनाव चल रहे हैं. कई लोग ये भी मानकर चल रहे हैं कि रेपो रेट इसलिए भी बरकरार रखी है ताकि लोगों को चुनाव के समय कोई परेशानी न हो.
ग्रोथ को लेकर क्या बोले गवर्नर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक खत्म होने के बाद मीडिया को ब्रिफिंग करते हुए बताया कि सभी “अनुमानों को पार करते हुए अपनी गति बरकरार रखी है. जनवरी और फरवरी दोनों महीनों की हेडलाइन मुद्रास्फीति घटकर 5.1% हो गई है, और यह पहले से इन दो महीनों में दिसंबर के महीने 5.7% के पीक से घटकर 5.1% हो गई है. आगे देखते हुए, मजबूत विकास संभावनाएं नीति को मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने और 4% के लक्ष्य तक इसके बढ़ने को सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करती हैं,,.
EMI पर कैसे असर डालता है रेपो रेट?
एक्पर्ट संदीप राठी के मुताबिक “रेट वह दर है, जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है. वास्तव में रेपो रेट का असर आम लोगों द्वारा बैंकों से लिए गए लोन की ईएमआई पर देखने को मिलता है,,
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