रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। इससे आम लोगों की EMI कम हो सकती है। साथ ही, RBI ने रिवर्स रेपो रेट घटाकर 3.35 फीसदी कर दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकरंत दास ने प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि महंगाई दर अभी भी 4 फीसदी के नीचे रहने की संभावना है, लेकिन लॉकडाउन के वजह से यह बढ़ सकती है।
#WATCH LIVE: Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das holds a briefing. https://t.co/wN6XQckKe1
— ANI (@ANI) May 22, 2020
महंगाई बढ़ने की आशंका
गवर्नर ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से महंगाई बढ़ने की आशंका है। अनाजों की आपूर्ति एफसीआई से बढ़ानी चाहिए। देश में रबी की फसल अच्छी हुई है। जबकि बेहतर मॉनसून और कृषि से काफी उम्मीदे है। मांग और आपूर्ति का अनुपात गड़बड़ाने से देश की अर्थव्यवस्था थमी हुई है। सरकारी प्रयासों और रिजर्व बैंक की तरफ से उठाए गए कदमों का असर भी सितंबर के बाद दिखना शुरू होगा।
रेपो रेट अब 4.4 से घटक 4.0 फीसद हुआ
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। रेपो रेट अब 4.4 से घटक अब 4.0 फीसद हुआ। वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35% कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने बैंक ब्याज दरों में 0.4 फीसद की कटौती की है। आरबीआई ने कहा कि 6 बड़े प्रदेशों में औद्योगिक उत्पादन गिरा है। कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है। मार्च में सीमेंट का उत्पादन गिरा है।
RBI गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू करते हुए कहा कि हमें यह भरोसा रखना होगा कि भारत इस मुश्किल वक्त से उबर जाएगा। कोरोना की वजह से आर्थिक नुकसान हुआ है। वहीं भारत में बिजली की खपत व पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट हुई है।
INS Sunayna an offshore patrol vessel returned to Kochi after being deployed for 80-day anti-piracy patrol in Gulf of Aden without entering any port. She was fuelled & provided supplies by United States&Indian Navy tankers during the period: Defence PRO, Kochi pic.twitter.com/7ABzlOIzHq
— ANI (@ANI) May 22, 2020
बता दें भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार सरकार से कॉरपोरेट लोन पर बैंकों को गारंटी देने की मांग कर चुके हैं। पिछले दिनों एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि कोरोना के संकट से निपटने में बैंकों की ओर से दिए जाने वाले कर्ज की भूमिका अहम हो सकती है। देश के सबसे बड़े बैंक के चेयरमैन कुमार ने कहा कि मौजूदा लोन पर ईएमआई छूट की सीमा को छह महीने करने की जरूरत है।
बता दें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 27 मार्च को बैंकों व वित्तीय संस्थानों को 1 मार्च 2020 तक बकाया सभी टर्म लोन्स लेने वालों को EMI के भुगतान पर 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराने को कहा था। इस विकल्प में ग्राहक मार्च, अप्रैल और मई माह की अपनी EMI चाहें तो होल्ड कर सकते हैं। हालांकि EMI स्थगन के इन तीन महीनों की अवधि के दौरान ब्याज लगता रहेगा, जो बाद में एक्स्ट्रा EMI के तौर पर देना होगा। जो ग्राहक अपनी EMI होल्ड नहीं करना चाहते, उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। उनकी EMI वैसे ही कटती रहेगी, जैसे कट रही थी।
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