मुंबई: आर्थिक मोर्चे पर उम्मीदें बढ़ने के कारण मंगलवार को रुपये में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में तेजी बनी रही. रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 20 पैसों की जोरदार तेजी के साथ करीब ढाई वर्ष के उच्चतम स्तर 63.48 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. डॉलर की बेहद कमजोर धारणा भी इस मौके पर रुपये की तेजी का एक महत्वपूर्ण कारण था. इसके अलावा सटोरिया कारोबारियों और निर्यातकों के द्वारा डॉलर के भारी कटान के कारण रुपये में लगभग ढाई वर्षों की सर्वाधिक तेजी देखने को मिली. यह 17 जुलाई, 2015 के बाद की सर्वाधिक तेजी को दर्शाता है, जब रुपया 63.47 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. अंतर-बैंक विदेशी विनिमय बाजार में रुपये की दर 63.65 प्रति डॉलर पर मजबूती का रुख लिए खुली.
आयातकों और विदेशी बैंकों की छिटपुट डॉलर मांग के कारण 63.77 रुपये प्रति डॉलर के निम्न स्तर को छूने के बाद अंत में यह 20 पैसे अथवा 0.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 63.48 रुपया प्रति डॉलर पर बंद हुआ. पिछले चार कारोबारी सत्रों की तेजी के कारण रुपया 67 पैसे मजबूत हुआ है.