भारत और रूस एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद पर अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने के लिए तोड़ निकालने में जुटे हैं। इसी के चलते दोनों देशों के बीच पांच अरब के रक्षा सौदे के लिए अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं के जरिये भुगतान करने पर सहमति बनी है।
नई दिल्ली में दो अधिकारियों ने बताया कि रूसी मिसाइल एस-400 की पहली किस्त इसी व्यवस्था के तहत भुगतान की जाएगी। मॉस्को के अधिकारी ने कहा कि अब भारत और रूस में रक्षा सौदे का भुगतान रूसी मुद्रा रूबल और भारतीय मुद्रा रुपये में करना तय किया गया है। हालांकि, डॉलर से भुगतान करने का रास्ता भी खुला रहेगा।
अमेरिका द्वारा कई देशों पर रूसी हथियारों का ना खरीदने की धमकी देने के चलते रूस को अपने हथियारों की बिक्री के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, जोकि पिछले वर्ष 19 अरब डॉलर थी। अमेरिका द्वारा धमकी दिए जाने के बावजूद भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। राजनयिक सूत्रों ने कहा कि रूस से S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिकी प्रतिबंध से छूट की शर्तों को भारत पूरा करता है। इस मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के पास हमारे हित में छूट देने का पर्याप्त मौका है।
अहम बात
-अब दोनों देश अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं के जरिये करेंगे लेन-देन।
– नई योजना के तहत डॉलर से भुगतान करने का रास्ता भी खुला रहेगा।