नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)| फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी ने रविवार को इंस्टाग्राम पर ‘ओवरड्रेस्ड वुमेन’ को लेकर की गई अपनी पोस्ट पर ट्रोल होने के बाद माफी मांगी ली। इससे पहले इसी हफ्ते उन्होंने फोटो शेयरिंग एप पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसकी कुछ लाइनें इस प्रकार थीं, “अगर आप किसी महिला को ओवरड्रेस देखते हैं, मेक अप करे हुए, गहने पहने हुए, यह ऐसा ही है कि वह जख्मी है।”
यह पोस्ट यूजर्स को ज्यादा पसंद नहीं आई। कुछ ने इसे हास्यास्पद बताया तो कुछ ने यह तक पूछ लिया कि कौन उनका सोशल मीडिया अकाउंट चला रहा है।
सब्यसाची ने इंस्टाग्राम के माध्यम से ही अपनी पोस्ट को लेकर माफी मांगी है।
उन्होंने कहा, “मैंने इस बारे में बहुत सोचा कि क्या इसे पोस्ट किया जाए या नहीं, लेकिन कई बार यह जरूरी होता है कि सीधी बात कही जाए और सही संदेश लोगों तक पहुंचाया जाए।”
सब्यसाची ने कहा, “फैशन इंड्रस्टी में 20 सालों से हूं। मैंने अपने कई साक्षात्कारों में इसके बारे में टिप्पणी की है कि कैसे, जबकि कई महिलाएं आनंद और आत्म-अभिव्यक्ति के लिए फैशन और सौंदर्य का उपयोग करती हैं, अन्य इसे अपने जीवन में अंतराल और व्यर्थता को भरने के लिए ‘रिटेल थेरेपी’ के रूप में उपयोग करती हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि हम, एक समाज के रूप में, अक्सर लोगों के कपड़ों की पसंद के बारे में जबरन राय बना लेते हैं, उन्हें ‘अति’, ‘अनुचित’ या ‘ओवरड्रेस’ कहते हैं।
सब्यसाची ने इंस्टाग्राम के माध्यम से ही अपनी पोस्ट को लेकर माफी मांगी है. उन्होंने कहा, “मैंने इस बारे में बहुत सोचा कि क्या इसे पोस्ट किया जाए या नहीं, लेकिन कई बार यह जरूरी होता है कि सीधी बात कही जाए और सही संदेश लोगों तक पहुंचाया जाए.”
उन्होंने कहा, “हम यह समझने में नाकाम हैं कि हो सकता है कि कुछ लोग सपोर्ट सिस्टम की कमी को पूरा करने के लिए इनका उपयोग कर रहे हों।”
सब्यसाची ने कहा, “फैशन इंड्रस्टी में 20 सालों से हूं. मैंने अपने कई साक्षात्कारों में इसके बारे में टिप्पणी की है कि कैसे, जबकि कई महिलाएं आनंद और आत्म-अभिव्यक्ति के लिए फैशन और सौंदर्य का उपयोग करती हैं, अन्य इसे अपने जीवन में अंतराल और व्यर्थता को भरने के लिए ‘रिटेल थेरेपी’ के रूप में उपयोग करती हैं.”
सब्यसाची ने यह भी कहा कि हम, एक समाज के रूप में, अक्सर लोगों के कपड़ों की पसंद के बारे में जबरन राय बना लेते हैं, उन्हें ‘अति’, ‘अनुचित’ या ‘ओवरड्रेस’ कहते हैं.
सब्यसाची ने कहा, “हम यह समझने में नाकाम हैं कि हो सकता है कि कुछ लोग सपोर्ट सिस्टम की कमी को पूरा करने के लिए इनका उपयोग कर रहे हों.”
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