बेंगलुरु: अन्नाद्रमुक की सजायाफ्ता नेता शशिकला के भतीजे टी टी वी दिनाकरण ने गुरुवार को कहा कि शशिकला तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की पुण्यतिथि पर पांच दिसंबर से यहां केंद्रीय कारागार में ‘मौन व्रत’ पर हैं. शशिकला 66.65 करोड़ रुपये की आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल की जेल की सजा काट रही हैं. इस साल फरवरी में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें और दो अन्य को इस मामले में दोषी ठहराया था. यहां पराप्पाना अग्रहारा जेल में अपनी बुआ से मिलने के बाद दिनाकरण ने कहा, ‘‘वह अम्मा (जयललिता) की पुण्यतिथि (पांच दिसंबर ) से मौन व्रत पर हैं . ’’ उन्होंने कहा कि जयललिता की करीबी शशिकला के जनवरी के आखिर तक मौन व्रत पर रहने की संभावना है.
जयललिता के निधन के बाद शशिकला की अंतरिम महासचिव के रुप में नियुक्ति को सितंबर में अन्नाद्रमुक महापरिषद ने खारिज कर दिया था . मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के धड़ों के आपस में हाथ मिलाने के बाद महापरिषद ने यह कदम उठाया था. महापरिषद ने शशिकला के सभी फैसलों को निरस्त भी कर दिया था जिसमें दिनाकरण की पार्टी उपमहासचिव के रुप में नियुक्ति भी शामिल थी.
दिनाकरण ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने शशिकला को पार्टी के विषय में भावी कार्ययोजना के बारे में जो कुछ बताया उसे उन्होंने ध्यान से सुना. आर के नगर विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद दिनाकरण पहली बार शशिकला से मिलने जेल गए थे. पिछले साल पांच दिसंबर 2016 को जयललिता के निधन के बाद आर के नगर विधानसभा सीट खाली हुई थी. जब दिनाकरण से जयललिता की मृत्यु की जांच कर रहे एक सदस्यीय आयोग द्वारा शशिकला को तलब किये जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी बुआ से कहा गया है कि उनके पास इस संबंध में जो भी सबूत है, वह पंद्रह दिन के अंदर आयोग को दिया जाए, न कि आयोग ने उन्हें पेश होने को कहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह (सबूत) वकील के माध्यम से भी दिया जा सकता है.’’ आयोग के मुखिया न्यायमूर्ति ए अरुमुगस्वामी ने 22 दिसंबर को शशिकला से 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा था. आयोग पिछले साल 22 सितंबर को जयललिता को अस्पताल में भर्ती कराये जाने तथा उनके निधन तक किये गये उनके इलाज से संबंधित स्थितियों की जांच कर रहा है. अब तक कई आईएएस अधिकारी, जयललिता की भतीजी जे दीपा, भतीजा जे दीपक, मदुरै के द्रमुक कार्यकर्ता पी सर्वाणन समेत कई लोग आयोग के सामने पेश हो चुके हैं.
दिनाकरण ने कहा कि आयोग ने उन्हें भी तलब किया है और ऐसे में यदि जरुरत महसूस हुई तो वह पेश होंगे. शहर की एक लड़की द्वारा खुद को जयललिता की बेटी होने का दावा करने के बारे में दिनाकरण ने कहा कि 1987 में पार्टी संस्थापक एम जी रामचंद्रन के निधन के बाद जब जयललिता पार्टी के एक धड़े की अगुवा बनी थी तब भी ऐसा मुद्दा सामने आया था.
दिनाकरण के अनुसार हालांकि जयललिता कहा करती थीं कि हमें ऐसी बातों का जवाब नहीं देना चाहिए. अपने करीबी वी वेत्रिवेल द्वारा अस्पताल में बिस्तर पर पड़ीं जयललिता का कथित वीडियो जारी करने के बारे में दिनाकरण ने कहा कि उन्होंने उनकी जानकारी के बगैर ऐसा किया. यह वीडियो आर के नगर विधानसभा उपचुनाव से पहले जारी किया गया था और इसे चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना था.