नई दिल्ली. ईरान ने सऊदी अरब में दुनिया के सबसे बड़ी तेल सप्लाई संयंत्र अरामको पर हमले में हाथ होने के अमेरिकी आरोप को खारिज किया है। ईरान ने चेतावनी देते हुए कहा कि खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य अड्डे और विमानवाहक पोत उसकी मिसाइलों के दायरे में हैं। हम हमेशा युद्ध के लिए तैयार हैं। यमन के ईरान समर्थित हूती समूह ने शनिवार को अरामको पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन अमेरिका ने हमले के पीछे ईरान का हाथ होने का आरोप लगाया था।
अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार माइक पॉम्पिओ ने कहा कि अरामको पर यमन से हमला होने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। यमन में सऊदी गठबंधन और हूती विद्रोहियों के पिछले पांच साल से बीच संघर्ष जारी है। रियाद ने भी तेल संयंत्रों पर हमलों के लिए ईरान को ही जिम्मेदार ठहराया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा- अमेरिकी आरोप आधारहीन
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मौसावी ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी आरोपों को आधारहीन करार दिया है। वहीं सेना के एक सीनियर कमांडर ने दावा किया है कि ईरान युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है। एक अर्धसरकारी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, कमांडर अमिराली हाजीज़ेद्दाह ने कहा सभी को ये जान लेना चाहिए कि 2000 किलोमीटर के दायरे में मौजूद अमेरिकी सैन्य अड्डे और विमानवाहक पोत हमारी मिसाइलों की जद में हैं।
मध्य पूर्व में तनाव उस वक्त बढ़ गया था, जब अमेरिका ने ईरान से तेल सप्लाई पर लगे प्रतिबंध को बढ़ा दिया था। अरामको पर हमला उस समय हुआ, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ मुलाकात की संभावना जताई थी। हालांकि, ईरान ने प्रतिबंध हटने तक अमेरिका के साथ किसी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया था। माइक पॉम्पिओ ने शनिवार को ट्वीट करके कहा था कि ईरान ने तनाव दूर करने की संभावनाओं के बीच दुनिया की ऊर्जा सप्लाई के केंद्र अरामको पर हमला किया है।
ईरान ने घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की बात भी कही थी
ईरान की कुछ मीडिया रिपोर्ट में भी दावा किया गया था कि ईरान समर्थित अर्धसैनिक बलों ने ही अरामको पर हमले को अंजाम दिया था। हालांकि, बाद में ईरान ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए अपनी जमीन को हमले के लिए इस्तेमाल न होने देने का दावा किया था। ईरान ने अपनी जमीन को इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की बात भी कही थी।
हमले के बाद तेल की कीमतों में उछाल की आशंका
अरामको संयंत्र सऊदी अरब की कुल तेल सप्लाई का आधे से ज्यादा, तो दुनिया का 5 फीसदी से ज्यादा तेल सप्लाई करता है। इस हमले के बाद अरामको ने कहा था कि हमले के बाद तेल सप्लाई में 5.7 मिलियन बैरल प्रतिदिन की कमी आई है। संयंत्र के अधिकारियों ने कहा कि तेल सप्लाई के पहले की तरह बहाल होने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती है। दुनिया के सबसे बड़े इस तेल शोधन संयंत्र पर हुए ड्रोन हमले के बाद ही मिडिल ईस्ट क्षेत्र में तनाव बढ़ गया था। इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतों में 3 से 5 डॉलर प्रति बैरल का उछाल आने का अनुमान है।
सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल सप्लायर
सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल सप्लायर है। दुनिया को यहाँ से हर दिन 7 मिलियन बैरल से ज्यादा तेल की सप्लाई की जाती है। अरामको पर हमले के बाद सऊदी अधिकारियों ने तेल सप्लाई में कटौती आने की बात कही है। वहीं जानकारों ने कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाने की आशंका जाहिर की है। इसकी एक वजह रियाद से तेल सप्लाई की क्षतिपूर्ति न हो पाना भी है। हालांकि, रियाद ने अपने तेल भंडारों से तेजी से सप्लाई करने की बात कही है। साथ ही अमेरिका ने भी जरूरत पड़ने पर अपने आपातकालीन रिजर्व भंडार खोलने का आश्वासन दिया है।