पश्चिम बंगाल और असम में आज यानी गुरुवार को दूसरे चरण के तहत मतदान डाले जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण की 30 सीटों पर 19 महिलाओं सहित 171 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, असम में दूसरे चरण की 39 सीटों पर 26 महिलाओं सहित 345 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। बंगाल में जहां टीएमसी की सीधी लड़ाई भाजपा से है, तो असम में भाजपा को अपनी सरकार को बचाए रखने की चुनौती है। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार के दौरान अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बंगाल में इस चरण में सबकी नजरें हाई प्रोफाइल नंदीग्राम सीट पर टिकी हैं, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पूर्व सहयोगी एवं भाजपा प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ मैदान में हैं।
बंगाल में केंद्रीय बलों की 650 कंपनियां तैनात
अधिकारियों की मानें तो निर्वाचन आयोग ने सभी 10,620 मतदान केंद्रों को संवेदनशील घोषित किया है और केंद्रीय बलों की करीब 651 कंपनियों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हो जाएगा जिस दौरान महत्वपूर्ण स्थानों पर राज्य पुलिस के कर्मियों को भी तैनात किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 199 कंपनियां पूर्व मेदिनीपुर में, 210 कंपनियां पश्चिम मेदिनीपुर में, 170 कंपनियां दक्षिण 24 परगना में और 72 कंपनियां बांकुड़ा में तैनात की जाएंगी।
पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के सभी समीकरण और खास बातें
बंगाल में सबसे रोचक होगा दूसरा चरण
पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण का मुकाबला सबसे रोचक होगा। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा सभी 20 सीटों पर चुनाव मैदान में हैं। जबकि कांग्रेस, वामपंथी दल और उनका गठबंधन सहयोगी इंडियन सैक्यूलर फ्रंट संयुक्त मोर्चा के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। सीपीआईएम 15, कांग्रेस 9, बहुजन समाज पार्टी 7, सीपीआई 2 और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और आरएसपी एक-एक सीट पर चुनाव लड रहे हैं, जबकि 32 निर्दलीय सहित 44 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस चरण की ज्यादातर सीट नक्सल प्रभावित है। नंदीग्राम के अलावा भी कई सीटें ऐसी हैं जहां कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
नंदीग्राम में धारा 144 लागू
निर्वाचन आयोग (ईसी) ने नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा ईसी ने एक हेलीकॉप्टर की मदद से इलाके में निगरानी भी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए जो लोग नंदीग्राम के मतदाता नहीं हैं उन्हें क्षेत्र में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। चुनाव अधिकारी ने बताया कि नंदीग्राम संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़े नहीं और लोग बिना किसी डर के मतदान कर सकें। अधिकारी ने बताया कि इस निर्वाचन क्षेत्र में केंद्रीय बलों की 22 टुकड़ियों को तैनात किया जा रहा है। इस क्षेत्र में कुल 355 मतदान केंद्र हैं और इनमें से 75 प्रतिशत केंद्रों पर वेबकास्ट की सुविधा है।
2016 में इन सीटों पर किस दल को कितनी सीटे मिली थी
दल – सीट
तृणमूल कांग्रेस- 21
भाजपा-01
लेफ्ट – 05
कांग्रेस- 03
वीआईपी सीट
नंदीग्राम: यहां से ममता बनर्जी और भाजपा के शुभेंदु अधिकारी में सीधा मुकाबला है। पिछले चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने नंदीग्राम सीट पर 67% वोट हासिल करते हुए एकतरफा जीत हासिल की थी। लेफ्ट प्रत्याशी को 27% वोट मिले थे, जबकि भाजपा को महज 5% वोट मिले थे।
हल्दिया : ये सीट भी ईस्ट मेदिनीपुर जिले में तामलुक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत ही आती है। 2016 में इस सीट से सीपीएम प्रत्याशी तापसी मंडल ने जीत दर्ज की थी। तापसी मंडल अब भाजपा में आ गई हैं। उनके सामने टीएमसी से स्वपन नस्कर और सीपीएम से मणिक कर पाईक हैं।
तामलुक : 2016 के विधानसभा चुनाव में तामलुक विधानसभा सीट पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक डिंडा ने सीपीआई के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इस बार सीपीआई ने गौतम पांडा को मैदान में उतारा है। उनके सामने टीएमसी से सौमेन कुमार महापात्रा और भाजपा के हरे कृष्णा बेरा हैं।
बांकुड़ा : इस सीट से तृणमूल कांग्रेस ने फिल्म अभिनेत्री सायंतिका बनर्जी को उतारा है। सायंतिका के सामने भाजपा के टिकट पर निलाद्री शेखर दाना और कांग्रेस से राधा रानी बनर्जी हैं। 2016 में ये सीट कांग्रेस ने जीती थी।
खड़गपुर सदर : ये सीट मेदिनीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है जहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष सांसद हैं। भाजपा ने इस सीट से बंगाली फिल्मों के अभिनेता हिरनमय चट्टोपाध्याय को उतारा है। हिरनमय पहले टीएमसी युवा के साथ थे।
देबरा सीट : पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमांयु कबीर को टीएमसी ने देबरा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष को टिकट दिया है। इस बार के चुनाव में देबरा सीट पर दो पूर्व आईपीएस अधिकारियों की दिलचस्प टक्कर देखने को मिलेगी।
प्रमुख चुनावी मुद्दे
– सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और उसे कड़ी टक्कर दे रही भाजपा दोनों ने ही विकास को मुद्दा बनाया है
– विपक्ष ने ममता सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया
– ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ देश में महंगाई, गैस के बढ़े दाम और पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों को मुद्दा बनाया
आंकड़ों में जानें दूसरे चरण की खास बातें
43 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं दूसरे चरण के चुनाव में
36 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं
26 करोड़पति उम्मीदवार दूसरे चरण के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं
11 करोड़पति उम्मीदवार तृणमूल कांग्रेस के हैं। भाजपा के 10 और कांग्रेस के 2 उम्मीदवार करोड़पति हैं
असम में दूसरे चरण में क्या है खास
39 में से 25 सीटों पर राजग और महागठबंधन में सीधा मुकाबला
असम में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 जिलों की 39 सीटों पर मतदान होगा। राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है। कांग्रेस इस बार बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है, जबकि भाजपा ने असम जातीय परिषद (एजेपी) के साथ गठबंधन किया है। इस चरण में 25 सीटों पर राजग और महागठबंधन में सीधा मुकाबला है जबकि बाकी सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है।
2016 में इन सीटों पर किस दल को कितनी फीसदी सीटें मिली
दल- कितने प्रतिशत वोट मिले
भाजपा – 41.5 फीसदी
कांग्रेस- 31 फीसदी
बीएसएफ- 04 फीसदी
इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर
भाजपा ने वर्तमान मंत्रियों परीमल सुकलावैद्य को ढोलाई, भावेश करलिता को रांगिया, पिजुष हजारिका को जागीरोड और विधानसभा उपाध्यक्ष अमिनुल हक लस्कर को सोनाई से मैदान में उतारा है। इनके अलावा दिगंत कालिता कमलापुर से, रमाकांत देवरी मोरीगांव से, जीतु गोस्वामी ब्रह्मपुर से, मिहिर कांती शोम उधारबोंड से, गौतम रॉय काटीगोड़ा से, नंदिता गारसोला हाफलांग से और जयंत मल्ला बरुआ नलबाड़ी से किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, एजेपी के अजीज अहमद खान करीमजंग दक्षिण से चुनाव लड़ रहे हैं तो भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद पार्टी का साथ छोड़ने वाले विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष दिलीप कुमार पॉल सिलचर से निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं।
प्रमुख चुनावी मुद्दे
– असम के चुनाव में एनआरसी-सीएए प्रमुख मुद्दा है। भाजपा ने विकासवादी राजनीति का मुद्दा उठाया है, जबकि कांग्रेस गठबंधन नागरिकता संशोधन कानून के विरोध पर चुनाव लड़ रहे हैं
– सभी दलों मे सरकारी स्वामित्व वाली जमीन के भूमिहीनों को ज़मीन का पट्टा दिए जाने का मुद्दा उठाया है
– मजदूरों की दिहाड़ी का मुद्दा भी असम चुनाव में प्रमुख है। सभी दलों ने प्रमुखता से चाय मजदूरों की दैनिक मजदूरी बढ़ाने का वादा किया है
– असम चुनाव में महंगाई और रोजगार का मुद्दा भी हावी रहा है। कांग्रेस ने राज्य में बेरोजगारी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया
आंकड़ों में जानें असम के दूसरे चरण का हाल
37 उम्मीदवार ने खुद पर आपराधिक मामले घोषित किए हैं दूसरे चरण के चुनाव में
11 दागी प्रत्याशी भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में है, जो सबसे ज्यादा है
73 उम्मीदवार करोड़पति हैं। उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 2.19 करोड़ रुपये
(स्त्रोत :: एडीआर रिपोर्ट)
ITBP troops guard polling booths in East Midnapore district and help out senior citizens there, during the second phase of #WestBengalElections pic.twitter.com/TyDF9aQgz3
— ANI (@ANI) April 1, 2021
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