शशि कपूर का निधन, 2014 में मिला था दादा साहब फाल्के सम्मान

नई दिल्‍ली: दिग्गज अभिनेता-निर्माता शशि कपूर का सोमवार (4 दिसंबर) को यहां के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 79 साल के थे. शशि ने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में शाम 5.20 बजे अंतिम सांस ली. शशि कपूर का जन्म 18 मार्च 1938 को कोलकाता में हुआ था. शशि 70 व 80 के दशक के शुरुआती सालों में रोमांटिक आईकॉन के रूप में उभरे थे. शशि कपूर के भतीजे मोहित मारवाह ने ट्विटर के जरिए उनके निधन की पुष्टि की. शशि फिल्म जगत में कपूर खानदान की नींव रखने वाले दिवंगत अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के तीन बेटों में सबसे छोटे थे. उनसे बड़े राज कपूर और शम्मी कपूर थे. 2012 में शशि के मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी.

एंग्लो-इंडियन थियेटर कलाकार जेनिफर किंडेल से शादी करने वाले शशि के तीन बच्चे-कुनाल, करन और संजना कपूर हैं. शशि ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1944 में अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर के नाटक ‘शकुंतला’ से की थी. शशि ने 1961 में यश चोपड़ा की ‘धर्मपुत्र’ के साथ फिल्म जगत में कदम रखा था. इसके बाद उन्होंने 150 से अधिक फिल्मों में काम किया. शशि कपूर का असली नाम बलबीर राज कपूर था. साल 2011 में उन्हें पद्मभूषण से अलंकृत किया गया था, जबकि 2014 में शशि कपूर को दादा साहब फाल्के से सम्मानित किया गया था.

अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल ने ट्वीट किया, “मैं मेरे सह-कलाकार रहे शशि के निधन से बेहद दुखी हूं. कपूर खानदान की उस पीढ़ी का अंतिम चिराग बुझ गया. एक युग का अंत हो गया. उनकी फिल्में और बहुमूल्य यादें रह गई हैं.” फिल्म जगत में फिल्म समीक्षक और व्यापार विश्लेषक तरण आदर्श ने ट्वीट किया, “शशि अब नहीं रहे. एक युग का अंत हो गया.”

राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने भी शशि कपूर के निधन पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि फिल्मों में उनके (शशि कपूर के) अभिनय की कमी खलती रहेगी. उन्होंने ट्वीट किया, ‘भारतीय फ़िल्म जगत के मशहूर अदाकार शशि कपूर जी के निधन पर उनके शोक संतप्त परिजनों और उनके सैकड़ों प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ. उनके अविस्मरणीय अभिनय की कमी हमें हमेशा खलती रहेगी. ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.’

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