शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है। ‘सामना’ के संपादकीय लेख ‘राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार’ की शीर्षक के साथ लिखा गया है। इसमें शिवसेना ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि महाराष्ट्र में नए समीकरण से कई लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। छह महीने सरकार न टिकने का श्राप दिए जा रहे हैं। यह सब कुछ अपनी कमजोरी छुपाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
वहीं बीजेपी के नेता ने शुक्रवार को बयान दिया था कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी सरकार बनाएगी। इस पर ‘सामना’ में लिखा गया है कि बीजेपी किस मुंह से कह रही है कि राज्य में सरकार बनाएगी। आगे लिखा है कि खुद को महाराष्ट्र का मालिक समझने की मानसिकता से बाहर आएं। उन्होंने कहा कि सत्ता या सीएम पद के साथ कोई जन्म नहीं होता है।
महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन वाली पहली सरकार बनती दिख रही है जहां राकांपा नेता शरद पवार ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि तीन दलों की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और विकासोन्मुखी शासन देगी। राकांपा ने यह भी कहा कि गठबंधन की अगुवाई शिवसेना करेगी। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के साथ शिवसेना की सहमति नहीं बन पाई थी। कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा, लेकिन तीनों दलों का कहना है कि यह बैठक वर्षा प्रभावित किसानों के लिए तत्काल सहायता मांगने के लिए है, ना कि सरकार गठन को लेकर।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है। पवार ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई आशंका नहीं है। यह सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी। हम सभी यही आश्वस्त करना चाहेंगे कि यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
पवार के सहयोगी और राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुंबई में कहा कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहेगा। मलिक ने कहा, ”मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर ही उसने महायुति को छोड़ा है। उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।”
महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी। तीनों दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा तैयार कर लिया है जिससे राज्य में उनके गठबंधन का एजेंडा निर्धारित होगा।
इससे पहले पिछले दो दशक में राज्य की सियासत भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है। मुंबई में गुरुवार (14 नवंबर) को हुई बैठक में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के नेताओं ने सीएमपी का मसौदा तैयार किया जिसे तीनों दलों के आला नेताओं को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इस बीच भाजपा ने दावा किया कि वह सरकार बनाएगी। हालांकि उनसे यह खुलासा नहीं किया कि वह 288 सदस्यीय सदन में 145 के जादुई आंकड़े तक कैसे पहुंचेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”भाजपा सबसे बड़ा दल है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 तक पहुंचती है। इसके साथ भाजपा सरकार बनाएगी।”