भारत के पहले बल्लेबाज का जन्म हुआ था आज ही के दिन

भारतीय क्रिकेट में सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे दिग्गज बल्लेबाजों की फौज का सफलतम लंबा इतिहास रहा है, लेकिन इस बात की चर्चा कम ही होती है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली गेंद का सामना करने वाला भारतीय बल्लेबाज आखिर हैं कौन?

भारत ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने सफर की शुरुआत टेस्ट के जरिए 1932 में की. भारतीय क्रिकेट टीम ने 1932 में जून के महीने में इंग्लैंड का दौरा किया और पहला टेस्ट मैच खेला था. आज हम भारत के पहले बल्लेबाज जनार्दन नावले को उनके 115वें जन्मदिवस पर याद कर रहे हैं

‘क्रिकेट का मक्का’ कहे जाने वाले लॉर्ड्स में 25 जून को दोनों टीमों के बीच मुकाबला हुआ. टॉस जीतकर मेजबान इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया और पूरी टीम 259 रन बनाकर आउट हो गई. इसके बाद बल्लेबाजी के लिए भारत की बारी आई और उसके लिए पारी की शुरुआत जर्नादन नावले और नौमल जियोमल ने की

7 दिसंबर, 1902 को जन्मे नावले ने 30 साल की उम्र में भारत की ओर से पारी का आगाज करते हुए पहली गेंद का सामना किया और भारत के पहले बल्लेबाज बने. इस तरह से भारत के खिलाफ टेस्ट में पहली गेंद डालने का श्रेय विलियम बोउस को जाता है. नावले ने जियोमल के साथ पहले विकेट के लिए 39 रनों की साझेदारी की. हालांकि अच्छी साझेदारी के बाद भारत की पूरी टीम दूसरे दिन 189 रन पर आउट हो गई. नावले ने पहली पारी में 12 और दूसरी पारी में 13 रन बनाए. 13 रनों की पारी उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी रही

छोटे कद के नावले बेहतरीन बल्लेबाज थे और उस समय के सफलतम बल्लेबाज जैक हॉब्स ने उन्हें महान बल्लेबाजों की श्रेणी में शामिल किया था. उन्होंने करियर में महज 2 टेस्ट मैच ही खेले. करियर का दूसरा और आखिरी टेस्ट 1933-34 में मुंबई में इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला. इस समय 31 के हो चुके नावले को टीम से इसलिए बाहर कर दिया गया क्योंकि चयनकर्ता युवा क्रिकेटरों को मौका देना चाहते थे

भारत के पहले बल्लेबाज का रुतबा हासिल करने वाले जनार्दन नावले के नाम कुछ और नायाब रिकॉर्ड भी हैं. वह इस टेस्ट मैच में बतौर विकेटकीपर-बल्लेबाज मैदान पर उतरे थे. इस तरह से टेस्ट में भारत के पहले विकेटकीपर का दर्जा भी इन्हीं नावले के नाम गया.

बतौर विकेटकीपर भारत की ओर से पहला शिकार करने का श्रेय भी नावले के ही नाम है. पहली पारी में उन्होंने विपक्षी कप्तान डगलस जार्डिन (79) को कैच आउट कर पवेलियन चलता किया. नावले के लिहाज यह मैच कई मायनों में बेहद शानदार रहा, लेकिन भारत यह मैच 158 रन से हार गया

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