14 साल बाद पहला रैपिड विश्व खिताब जीतने वाले विश्वनाथन आनंद ने कहा कि वह ‘निराशावादी’ सोच के साथ टूर्नामेंट में उतरे थे, लेकिन अपराजेय अभियान के साथ विश्व खिताब जीतकर खुद हैरान हैं.
पिछले कुछ अर्से से लगातार खराब प्रदर्शन के कारण आलोचना झेल रहे 48 साल के आनंद ने शानदार वापसी करते हुए रियाद में रैपिड विश्व खिताब जीता.
जीत के बाद उन्होंने पीटीआई से कहा,‘पिछले दो रैपिड टूर्नामेंट काफी खराब रहे थे. मैं यहां निराशावादी सोच के साथ उतरा था, लेकिन यह अद्भुत सरप्राइज रहा, लेकिन मैंने अच्छा खेला.’
पूर्व विश्व चैम्पियन पूरे टूर्नामेंट में अपराजेय रहे और टाइब्रेकर में ब्लादीमिर फेडोसीव और इयान नेपोम्नियाश्चि को हराकर खिताब अपने नाम किया. उन्होंने दो गेम के टाइब्रेकर में फेडोसीव को 2.0 से हराया.
आनंद ने कहा कि यह साल उनके लिए काफी कठिन रहा. उन्होंने कहा,‘लंदन शतरंज क्लासिक टूर्नामेंट बड़ा निराशाजनक रहा. ऐसा नहीं है कि लंदन में मुझे काफी अपेक्षाएं थीं, लेकिन फिर भी मुझे लगा था कि मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा. आखिरी स्थान पर रहना मेरे लिए करारा झटका था.’