उज्जैन: जिला प्रशासन का कड़ा फैसला

उज्जैन: मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चीनी धागे के उपयोग को जिला प्रशासन ने प्रतिबंधित कर दिया है. प्रशासन का कहना है कि इन धागों (चाइना डोर) में अत्यधिक खतरनाक अवयवों का इस्तेमाल होता है, जिससे राहगीरों व पशु-पक्षियों के लिए घातक है. अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बुधवार को आधिकारिक आदेश जारी कर पूरे उज्जैन जिले में चीनी धागे पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इस संबंध में आमजन को निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी नागरिक, व्यापारी, संस्था चीनी धागे का क्रय-विक्रय नहीं करेगी. यही नहीं चाइना डोर का भंडारण व मकर संक्रांति पर्व पर पतंगबाजी में चाइना डोर के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. गौरतलब है कि उज्जैन जिले में मकर संक्रान्ति पर्व के अवसर पर बड़े पैमाने पर पतंगबाजी की जाती है, जिसमें चाइना डोर का प्रयोग भी अधिक मात्रा में होता है. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आज (मंगलवार को) नायलॉन और ऐसे किसी भी अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसका रासायनिक विघटन जैविक तरीके से संभव नहीं है। हरित पैनल ने इसे पक्षियों, पशुओं और इंसानों की जान को खतरे में डालने वाला बताया.

एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी राज्य सरकारों को पतंग उड़ाने में इस्तेमाल में लाए जाने वाले सिंथेटिक मांझा या नायलॉन के धागों और सभी प्रकार के सिंथेटिक धागों के ‘‘विनिर्माण, बिक्री, भंडारण, खरीद और इस्तेमाल’ पर रोक लगाने का निर्देश दिया. हरित पैनल ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंध का आदेश नायलॉन, चाइनीज और सीसायुक्त सूती मांझे पर लागू होगा.

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