पटना, जेएनएन। Bihar Assembly Election 2020: कोरोना काल (CoronaVirus Era) में बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) पर रोक लगाने संबंधित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इसे खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव करना निर्वाचन आयोग (Election Commission) का काम है आर कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। न्यायाधीश अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
पटना हाईकोर्ट में भी लंबित तीन याचिकाएं
विदित हो कि याचिकाकर्ता ने अपनी लोकहित याचिका में अभी तक निर्वाचन आयोग की टीम के बिहार का दौरा नहीं करने को आधार बनाया गया था। ऐसी तीन याचिकाओं पर सुनवाई अभी पटना हाईकोर्ट में भी लंबित हैं। ये तीनों याचिकाएं भी कोरोना के संक्रमण और बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर चुनाव को फिलहाल स्थगित करने की मांग से संबंधित हैं।
याचिका में किन्हें बनाया गया था पार्टी, जानिए
सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार जायसवाल ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने निर्वाचन आयोग समेत सरकार के छह महकमों को पार्टी बनाया था। मुख्य चुनाव आयुक्त, बिहार के मुख्य चुनाव अधिकारी, बिहार के मुख्य सचिव बिहार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और केंद्रीय गृह सचिव पार्टी बनाए गए थे।
सुशांत के पिता को हमने बताया कि हम उनके साथ हैं और सुशांत को जिन लोगों ने आत्महत्या करने के लिए मज़बूर किया या उनकी हत्या की उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और फांसी मिलनी चाहिए। उनके पिता ने न्याय की मांग की है: के.के.सिंह और रानी सिंह से मिलने के बाद रामदास अठावले https://t.co/FjwLQFeC8O pic.twitter.com/qVk3hJ0Y7G
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2020
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