नई दिल्लीः रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट बड़ा झटका लगा. सर्वोच्च न्यायालय ने आसाराम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. इससे पहले जोधपुर हाईकोर्ट ने भी आसाराम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. जेल से बाहर आने की छटपटाहट के चलते आसाराम ने इससे पहले अपनी पत्नी को गंभीर बीमारी होने का हवाला देते हुए राजस्थान हाई कोर्ट में अंतरिम याचिका दायर की थी. लेकिन 21 फरवरी 2019 को हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था.
राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. सुनवाई के दौरान आसाराम के अधिवक्ता के सामने आसाराम की पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की थी. लेकिन पुलिस द्वारा दायर की गई जांच रिपोर्ट में साफ लिखा था कि आसाराम की पत्नी गंभीर बीमार नहीं है
जस्टिस संदीप मेहता की कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि खंडपीठ इस प्रवृत्ति के अपराधी के साथ किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं रखती. इसके साथ ही खंडपीठ ने आसाराम के अधिवक्ता जगमाल चौधरी को अंतरिम जमानत अर्जी वापस लेने के लिए पूछा लेकिन नहीं लिए जाने पर कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि आसाराम ने पूर्व में एक बार खुद की बीमारी को लेकर जमानत मांगी थी लेकिन इस बार आसाराम ने अपनी पत्नी की बीमारी का बहाना बनाया था लेकिन इस बार भी आसाराम को मुंह की खानी पड़ी थी. आसाराम अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा के साथ रेप के आरोप में जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है