सुशील कुमार शिंदे के कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के आसार सबसे ज्यादा हैं. दशकों से वे गांधी परिवार के विश्वस्त बने हुए हैं. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय शरद पवार को जाता है.
कांग्रेस अध्यक्ष पर चल रही रार वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे के नाम पर खत्म होने की सबसे मजबूत संभावनाएं हैं. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार ने महाराष्ट्र से आने वाले दिग्गज नेता सुशील कुमार शिंदे के नाम पर मुहर लगा चुके हैं. इसके पीछे प्रमुख कारण आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, दलित चेहरा, मुंबई से मिलने वाला पार्टी फंड और एनसीपी को फिर से कांग्रेस में विलय कराने की संभावनाओं को बताया जा रहा है.
जबकि दूसरे प्रमुख नेताओं मसलन अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, जनार्दन द्विवेदी, एके एंटनी को पार्टी अध्यक्ष ना बनाए जाने को लेकर भी ठोस कारण गिनाए जा रहे हैं. अशोक गहलोत को लेकर चर्चाएं सबसे ज्यादा हुईं, क्योंकि उन्होंने सोनिया-राहुल के साथ कई राउंड की बैठकें कीं. लेकिन राहुल गांधी इस वक्त राजस्थान में कोई रिस्क नहीं चाहते हैं. क्योंकि राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. ऐसे में अगर अनुभवी अशोक गहलोत वहां से निकल जाते हैं तो कांग्रेस के लिए खतरे बढ़ जाते हैं. राहुल गांधी ये नहीं चाहते हैं.
दूसरी ओर मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर यह चर्चाएं आम हो गई हैं कि उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहने के दौरान ही कई मौकों पर कांग्रेस आलाकमान से परामर्श किए बगैर फैसले ले लिए. यह पार्टी के लिए बड़ा संकट खड़ा कर देता है. इसी तरह गुलाम नबी आजाद को बीजेपी के आसान निशाना बनने और जनार्दन द्विवेटी के सक्रिय राजनीति से दूर रहने के चलते कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ना सौंपे जाने की खबरें तैर रही हैं.
गांधी परिवार के विश्वस्त, लेकिन मोदी से भी रिश्ते मधुर
सुशील कुमार शिंदे के कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के आसार सबसे ज्यादा हैं. दशकों से वे गांधी परिवार के विश्वस्त बने हुए हैं. उन्हें राजनीति में लाने का श्रेय शरद पवार को जाता है. लेकिन बात जब कांग्रेस और अपने गुरु के बीच चुनने की आई तो उन्होंने कांग्रेस को चुना. यही नहीं, जब वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार थे उस वक्त उन्हें आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया, लेकिन उन्होंने इसका रत्तीभर विरोध नहीं किया.
बहरहाल, सुशील कुमार शिंदे के अध्यक्ष पद पर चुने जाने से पहले उनके जीवन से जुड़े इस पक्ष को बेहद करीब से देखा जा रहा है कि उनके रिश्ते पीएम मोदी से भी बेहद मधुर हैं.
कब बने थे पीएम मोदी से रिश्ते
असल में यूपीए 2 की सरकार में जब सुशील कुमार शिंदे केंद्रीय गृहमंत्री थे, तब नरेंद्र मोदी गुजरात मुख्यमंत्री हुआ करते थे. उस वक्त कई मर्तबे पीएम मोदी को सुशील कुमार शिंदे से बातचीत करने की जरूरत पड़ी थी. बताया जाता है कि उसी दौर में इन दोनों नेताओं के रिश्ते काफी अच्छे हो गए थे.
2019 लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी में शामिल होने ऑफर
इस बात का खुलासा खुद सुशील कुमार शिंदे ने किया था. उन्होंने कहा था कि बीजेपी उन पर उनके परिवार पर डोरे डाल रही है. असल में सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणिती शिंदे महाराष्ट्र की सोलापुर सीट से विधायक हैं. सुशील शिंदे ने कहा था कि बीजेपी लंबे समय से प्रणिती शिंदे को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दे रही है. लेकिन अब बीजेपी मुझे भी यही ऑफर कर रही है. हालांकि बाद में बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने इसे नकार दिया था.
सुशील शिंदे के प्रचार में नहीं गए थे सोनिया-राहुल-प्रियंका
सुशील कुमार शिंदे लोकसभा चुनाव 2019 में प्रकाश आंबेडकर चुनाव हार गए थे. वे सोलापुर लोकसभा क्षेत्र में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या सोनिया गांधी के रोड शो या रैली के लिए आखिर तक प्रयास करते रहे थे, लेकिन तीनों में से कोई उनके प्रचार में नहीं आया था.