बेरुत: सीरिया के प्रभावशाली कट्टरपंथियों समेत 36 से ज्यादा विद्रोही समूहों ने गृह युद्ध को खत्म करने पर सोचि में अगले महीने रूस के नेतृत्व में होने वाली वार्ता की पहल को खारिज कर दिया. सीरियाई सरकार के अहम सहयोगी रूस और ईरान विपक्षी समर्थक तुर्की के साथ शुक्रवार (23 दिसंबर) को इस बात पर सहमत हुए कि 29 और 30 जनवरी को काला सागर के सोचि रिजॉर्ट में ‘‘कांग्रेस ऑफ नेशनल डायलॉग’ आयोजित किया जाए. सीरियाई सरकार ने कहा कि वह इसमें शामिल होगी, लेकिन विद्रोहियों ने अपने कदम वापस खींच लिए. विद्रोहियों ने इसे जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली प्रक्रिया को रोकने की कोशिश बताया. विद्रोहियों ने सोमवार (25 दिसंबर) को प्रकाशित एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हम जिनेवा प्रक्रिया को नाकाम बनाने की रूस की कोशिश को पूरी तरह खारिज करते हैं. हम सभी ताकतों से इन चिंताजनक खतरों के खिलाफ खड़े होने का आह्वान करते हैं.’’ चालीस विद्रोही समूहों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं.
वहीं दूसरी ओर आतंकवादी संगठनों की निगरानी रखने वाले एक समूह का कहना है कि इस्लामिक स्टेट समूह ने एक वीडियो पोस्ट की है जो सोमालिया में आईएस से जुड़े लड़ाकों का पहला वीडियो माना जा रहा है. वीडियो सोमवार (25 दिसंबर) को ऑनलाइन पोस्ट किया गया था जिसमें समर्थकों से अपील की गई है कि उन लोगों को निशाना बनाये जिन्हें वह नास्तिक मानता है और गिरिजाघरों और बाजारों पर हमले करे. एसआईटीई खुफिया समूह का कहना है कि वीडियो में समर्थकों से अपील की गई है कि त्योहार के मौसम में लोगों के ‘नशे में होने’ का फायदा उठाकर हमले को अंजाम दें.
अमेरिका ने पिछले महीने सोमालिया में इस्लामिक स्टेट से जुड़े लड़ाकों पर पहला ड्रोन हमला शुरू किया था. द हॉर्न ऑफ अफ्रीका कहे जाने वाले इस अफ्रीकी देश में लड़ाकों की कम संख्या है लेकिन उनकी उपस्थिति बढ़ती जा रही है. इनमें से कई अल-कायदा से जुड़े अल-शबाब आतंकवादी समूह छोड़ने वाले लड़ाके शामिल हैं. लड़ाके उत्तर सोमालिया के ग्रामीण पुंटलैंड में हैं. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आईएस के आतंकवादी सीरिया और इराक से भाग रहे हैं इसलिए उनकी संख्या यहां बढ़ सकती है.