पाकिस्तान के ‘लोकल’ तालिबान TTP का आतंक, बंधक पुलिसकर्मियों को अब भी कैद में रखा

पाकिस्तान के लोकल तालिबान टीटीपी ने कई पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया है। जिसके बाद से सरकार इस संगठन से बातचीत कर रही है। ताकि सभी की सुरक्षित रिहाई हो सके।

पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बन्नू जिले में तालिबान आतंकवादियों यानी टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) ने आतंकवाद-रोधी एक केंद्र पर कब्जा कर लिया और कुछ लोगों को बंधक बना लिया। बंधक बनाए गए लोगों की सुरक्षित रिहाई के लिए सरकार और तालिबान आतंकियों के बीच वार्ता जारी है। हालांकि वार्ता का अब तक कोई परिणाम नहीं निकला है। आतंकवाद-रोधी विभाग (सीटीडी) ने रविवार को कुछ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया था और उनसे पुलिस थाने में पूछताछ की जा रही थी। तभी, इनमें से एक आतंकवादी ने रविवार को पुलिसकर्मी से एके-47 छीन ली और गोलियां चलानी शुरू कर दी।

उक्त आतंकवादी ने इमारत में रखे गए अन्य आतंकवादियों को मुक्त कराया और उन्होंने परिसर को अपने कब्जे में ले लिया। उन्होंने कई पुलिसकर्मियों को भी बंधक बना लिया। गोलीबारी में कम से कम दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गई, जिसके बाद अधिकारियों ने सेना के विशेष बल को अलर्ट पर रखा। बन्नू में सोमवार को स्थिति तनावपूर्ण रही, क्योंकि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने छावनी क्षेत्र की घेराबंदी कर दी जहां यह केंद्र स्थित है। इलाके के निवासियों को घर के अंदर रहने के लिए कहा गया है। क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।

सरकार ने जारी किया बयान

‘डॉन डॉट कॉम’ के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री बैरिस्टर मोहम्मद अली सैफ के विशेष सहायक ने कहा कि हालात स्थिर है और अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। सैफ ने कहा कि वह लगातार तालिबान के संपर्क में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बन्नू परिसर में आतंकवादियों ने एक सुरक्षा अधिकारी की हत्या कर दी, लेकिन इस बारे में विस्तार से नहीं बताया। उन्होंने कहा कि जानमाल का नुकसान न हो इसलिए सरकार आतंकियों के साथ बातचीत कर रही है। आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के साथ बातचीत के लिए एक स्थानीय धार्मिक व्यक्ति मौलाना अहमद उल्लाह को बुलाने की मांग की है। उन्होंने वार्ता प्रक्रिया में समन्वय के लिए एक बंधक को अपने वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों से मोबाइल फोन पर बात करने की अनुमति भी दी।

सुरक्षित मार्ग चाहता है टीटीपी

इस बीच, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने सोमवार को एक बयान जारी कर दावा किया कि कैदियों ने कल रात से कई सुरक्षा अधिकारियों और जेल कर्मचारियों को बंधक बना लिया है और केवल दक्षिण या उत्तर वजीरिस्तान कबायली जिलों में टीटीपी कैदियों का सुरक्षित मार्ग चाहते हैं। टीटीपी ने कहा कि गतिरोध की शुरुआत के बाद से सुरक्षा बलों का रवैया दर्शाता है कि बल उनकी मांग मानने को तैयार नहीं हैं और अभियान शुरू करने पर अड़े हैं। टीटीपी के एक प्रवक्ता मुहम्मद खुरासानी ने कहा कि सीटीडी पुलिस थाने में कैदियों के साथ सुरक्षा अधिकारियों के अमानवीय व्यवहार के कारण यह कदम उठाया गया है।

पुलिस से आतंकी ने छीनी राइफल

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, बन्नू के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मोहम्मद इकबाल ने कहा कि बाहर से कोई हमला नहीं किया गया और पूछताछ के दौरान एक आतंकवादी ने पुलिस से राइफल छीन ली और इमारत में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर गोलियां चलाई। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने इमारत पर कब्जा कर लिया है और हमने पूरे बन्नू छावनी इलाके को घेर लिया है।’’ खबरों के मुताबिक करीब 30 आतंकियों ने लोगों को बंधक बनाया हुआ है। इससे पहले, सीटीडी परिसर से टीटीपी के आतंकवादियों ने एक वीडियो जारी कर दावा किया था कि नौ पुलिसकर्मी उनके कब्जे में हैं। साल 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के अग्रणी समूह के रूप में स्थापित टीटीपी ने पिछले महीने जून में संघीय सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम समझौते को रद्द कर दिया और अपने आतंकियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया।

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