OBC से SC में शामिल करना ठीक नहीं 17 जातियों को-थावरचंद गहलोत

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले दिनों कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार और प्रजापति समेत 17 जातियों को OBC से अनुसूचित जाति (SC) में शामिल करने का फैसला किया था. इस फैसले का मायावती की पार्टी बीएसपी ने विरोध किया है.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल 17 जातियों को अनुसूचित जाति में लाने के आदेश पर उत्तर प्रदेश सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सांसद सतीश मिश्रा ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिना संविधान के संशोधन के इस तरह का आदेश जारी नहीं हो सकता है और इस तरह का आदेश जारी कर सरकार इन 17 जातियों को धोखा दे रही है.

सतीश मिश्रा के इस सवाल राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत से जवाब देने के लिए कहा. जिसपर थावरचंद गहलोत ने सतीश मिश्रा की बात से इत्तेफाक रखते हुए कहा कि बिना संसद में आए और संविधान संशोधन हुए 17 जातियों को अति पिछड़ा वर्ग से अनुसूचित जाति में नहीं लाया जा सकता है और इसके लिए वह उत्तर प्रदेश सरकार को लिखेंगे.

उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी करते हुए दिसंबर 2016 में पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल 17 जातियों- कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोड़िया, माझी और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने की बात कही थी. लेकिन आज राज्यसभा में इस मुद्दे के उठने के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार के उस आदेश पर फिलहाल एक विराम जरूर लगता दिख रहा है.

राज्यसभा में हुई इस कार्रवाई से उत्तर प्रदेश सरकार को एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा सकता है क्योंकि अब अगर उत्तर प्रदेश सरकार को अपने इस फैसले को लागू करना है या अमल में लाना है तो उसके लिए संसद से संविधान में संशोधन करवाने की प्रक्रिया से गुजरना होगा. ऐसा होने के बाद ही 17 जातियों को अति पिछड़े वर्ग से निकाल कर अनुसूचित जाति में शामिल कर पाएंगे.

 

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