शेयर बाजार में जबरदस्त रौनक दिख रही है। सेंसेक्स और निफ्टी में जोरदार खरीदारी का रुख है। सेंसेक्स 927.39 अंक यानी 2.86% की उछाल के साथ 33,351.49 के स्तर पर पहुंच गया है वहीं निफ्टी भी 264.25 (2.76%) अंकों की उछाल के साथ 9,844.55 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी 50 के 47 स्टॉक इस समय हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं सेंसेक्स में सनफार्मा लाल निशान पर कारोबार कर रहा है तो 29 शेयर हरे निशान पर हैं।
शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स करीब 800 अंक उछल कर 33,217.44 के स्तर पर कारोबार कर रहा है वहीं निफ्टी 230.15 (2.4%) अंक उछल कर 9,810.45 के स्तर पहुंच गया है। आज निफ्टी बैंक 3.74 फीसद, ऑटो 2.35 फीसद, फाइनेंशियल सर्विसेज 3.46 फीसद, एफएमसीजी 1.86 फीसद ऊपर कारोबार कर रहे हैं। इनके अलावा आज सभी सेक्टर हरे निशान पर हैं।
केंद्र सरकार ने पांचवें चरण में लॉकडाउन खोलने के लिहाज से दायरा बढ़ाते हुए कर्फ्यू के घंटों में ढील दे दी है। इसका असर घरेलू शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। इस महीने के पहले कारोबारी दिन को शेयर बाजार मजूबती के साथ खुले। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में लीवाली देखने को मिल रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 481 अंकों की उछाल के साथ 32906 के स्तर पर खुला तो वहीं निफ्टी भी आज दिन के कारोबार की शुरुआत हरे निशान के साथ की।बता दें गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि ‘अनलॉक-1 की शुरुआत आठ जून से होने जा रही है। इस दौरान 25 मार्च से लागू लॉकडाउन में काफी ढील दी जाएगी। आठ जून से मॉल्स, रेस्तरां और धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दी गई है। हालांकि, कोविड-19 नियंत्रण वाले क्षेत्रों में 30 जून तक कड़े प्रतिबंध जारी रहेंगे।
इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक रुख से तय होगी बाजार की दिशा
देश के शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक संकेतों तथा कोविड-19 से जुड़े घटनाक्रमों से तय होगी। विशेषज्ञों ने यह राय व्यक्त की है। इस बीच, अर्थव्यवस्था की चरणबद्ध तरीके से शुरुआत हो चुकी है। इसका भी बाजार के रुख पर असर पड़ेगा। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ”वैश्विक रुख के अनुरूप चरणबद्ध तरीके से अर्थव्यवस्था को खोलने से कारोबारी धारणा मजबूत होगी।
बेरोजगारी की मुख्य वजह लॉकडाउन है, आर्थिक संकट नहीं
इसके अलावा इससे रोजगार और आमदनी के अवसर भी उपलब्ध होंगे। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि बेहद उच्चस्तर पर पहुंची बेरोजगारी की मुख्य वजह लॉकडाउन है, आर्थिक संकट नहीं। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम उम्मीद कर सकते हैं कि अर्थव्यवस्था खुलने के साथ रोजगार और आमदनी में भी इजाफा होगा। विश्लेषकों का मानना है कि शेयर बाजार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया देंगे। ये आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आए हैं। बीते वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई वहीं पूरे वित्त वर्ष की वृद्धि दर 4.2 प्र्रतिशत रही है, जो इसका 11 साल का निचला स्तर है।
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