रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वाले भी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ ले सकेंगे, जिनके पास पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र नहीं है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसके लिए अनुशंसा पत्र (एलओआर) व्यवस्था की शुरूआत की है। इस योजना के तहत ठेले, खोमचे वाले 10,000 रुपये तक का कर्ज ले सकते हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस सुविधा की शुरूआत की और कहा कि पात्र रेहड़ी-पटरी वाले स्थानीय शहरी निकाय अनुशंसा पत्र के लिए अनुरोध कर सकता है।
Gautam Buddha Nagar: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath inaugurates the 400-bedded #COVID19 hospital in Sector 39.
Noida District Magistrate Suhas LY was also present at the event. pic.twitter.com/Pq0I0FuKNu
— ANI UP (@ANINewsUP) August 8, 2020
एक साल में मासिक किस्त में लौटाना होगा कर्ज
सड़क किनारे ठेले पर दुकान लगाने वालों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना शुरू की गई है। इसके तहत ठेले, खोमचे वाले 10,000 रुपये तक कार्यशील पूंजी कर्ज ले सकते हैं। इस कर्ज को एक साल में मासिक किस्त में लौटाना होगा। मिश्रा ने कहा कि योजना के तहत एलओआर प्राप्त करने के बाद ठेले वाले दुकानदार कर्ज के लिए आवेदन दे सकते हैं।
मंत्रालय के अनुसार अनुशंसा पत्र यह मॉड्यूल उन ठेले दुकान चलाने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) को सुविधा देने के लिए तैयार किया गया है, जिनके पास पहचान पत्र (आईडी) और विक्रय प्रमाणपत्र (सीओवी) नहीं है तथा उनका नाम इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए सर्वेक्षण सूची में भी शामिल नहीं हैं। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने एक जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी। इसका उद्येश्य कोविड-19 ‘लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुए ठेले, खोमचे वालों को अपनी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए किफायती दर पर कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना है।
इनमें से एक दस्तावेज ही काफी
बयान के अनुसार पीएम स्वनिधि पोर्टल पर स्थानीय शहरी निकायों से एलओआर प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए एक विक्रेता के पास निम्न दस्तावेजों में से कोई एक होना चाहिए। ये दस्तावेज हैं- लॉकडाउन अवधि के दौरान कुछ राज्यों / संघ शासित क्षेत्रों द्वारा दी गई एकमुश्त सहायता का प्रमाणपत्र या विक्रेता संघों का सदस्यता विवरण अथवा कोई अन्य दस्तावेज यह साबित करने के लिए कि वह एक विक्रेता है। इसके अलावा, एक विक्रेता सादे कागज पर साधारण आवेदन के माध्यम से स्थानीय शहरी निकाय से अनुरोध कर सकता है कि स्थानीय जांच द्वारा उसके दावे की वास्तविकता का पता लगाया जाये। स्थानीय निकाय को 15 दिनों की अवधि के भीतर एलओआर जारी करने के अनुरोध का निपटान करना होगा।
50 लाख से अधिक लोगों को मिलेगा लाभ
बयान के अनुसार जिन विक्रेताओं के पास एलओआर हैं, उन्हें 30 दिनों की अवधि के भीतर विक्रय प्रमाण पत्र (सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग) / पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इस प्रावधान से योजना का लाभ अधिकतम लाभार्थियों को मिलेगा। इसमें कहा गया है कि 2 जुलाई 2020 को पीएम स्वनिधि पोर्टल पर ऋण आवेदन ऑनलाइन जमा करने की शुरुआत के बाद से, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 4.45 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं और 82,000 से अधिक स्वीकार किए गए हैं। इस योजना के तहत उन 50 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है जो 24 मार्च, 2020 से पहले शहरी क्षेत्रों में या आसपास के अर्ध-शहरी / ग्रामीण क्षेत्रों में सामान बेचने का का काम करते थे।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ जिसमें SRN ट्रामा सेन्टर में तैनात प्राइवेट सुरक्षा कर्मी द्वारा बुजुर्ग विक्षिप्त महिला को मारते-पीटते दिखाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर व्यक्ति को गिरफ्तार किया और पीड़ित महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया:अभिषेक दीक्षित,SSP,प्रयागराज pic.twitter.com/RSPNjCOrBh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 8, 2020
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