दिल्ली में पिछले बीस साल से सत्ता से बाहर भाजपा इस बार जीत की बड़ी तैयारी कर रही है। पहले चरण में सदस्यता अभियान से पार्टी को विस्तार दिया जा रहा है। उसके बाद संगठन चुनावों से लगभग पचास फीसदी नए व युवा नेतृत्व को सामने लाकर चुनावी जंग की तैयारी होगी। दिल्ली में चुनाव अगले साल फरवरी में होने हैं, तब तक भाजपा संगठनात्मक रूप से अपनी रणनीति को अमलीजामा पहना चुकी होगी।
भाजपा ने दिल्ली के लिए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय चुनाव प्रभारी दल को अभी से चुनावी दायित्व सौंप दिया है। जावड़ेकर के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी व नित्यानंद राय सह प्रभारी होंगे। सूत्रों के अनुसार, भाजपा नेतृत्व दिल्ली के मौजूदा राजनीतिक हालात को अपने लिए अनुकूल तो मान रहा है, लेकिन विधानसभा में जीत के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की मुफ्त बिजली व पानी की घोषणाओं की काट खोज पाना अभी बाकी है। राष्ट्रीय मुद्दों पर जनता भाजपा के साथ है और पार्टी इन्हीं पर जनता के बीच जाएगी। भाजपा ने इसके लिए जो संगठनात्मक तैयारी की है उसका पहला चरण सदस्यता अभियान पूरा हो गया है।
पार्टी ने हाल के सदस्यता अभियान में 15 लाख से ज्यादा नए सदस्य (आईटी सेल की जानकारी) बनाए हैं। पिछली बार 2015 में उसकी सदस्य संख्या 22 लाख थी। इस तरह वह 37 लाख से ज्यादा सदस्य संख्या कर चुकी है। यह संख्या हाल के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस व आम आदमी पार्टी को मिले कुल वोटों से भी ज्यादा है।
भाजपा का मानना है कि नए लोग खासकर युवा व महिलाएं भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं। चूंकि बीते दो दशक में भाजपा की दो पीढ़ी के नेता राज्य में पार्टी को सफलता नहीं दिला सके हैं इसलिए इस बार संगठन में नए और ऊर्जावान लोगों को लिया जाएगा। संगठन से विवादित लोगों को दूर रखा जाएगा। सूत्रों के अनुसार, संगठन की नई टीम में मौजूदा टीम के लगभग आधे चेहरों को बदल दिया जाएगा। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि संगठन की गतिविधियां व मीडिया पर बयानबाजी के बजाए लोगों के बीच पैठ व बेहतर छवि को वरीयता दी जाएगी