झारखंड की ये घटना: कोरोना से पहले मां-फिर एक-एक कर पांच बेटों की हो गयी मौत

धनबाद जिला के कतरास के एक परिवार में मां की मौत के बाद एक-एक कर उसके पांच बेटों की भी मौत हो गयी. मां के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उसके चार बेटे भी संक्रमित पाये गये थे. जबकि एक अन्य बेटे की मौत टीएमएच जमशेदपुर में लंग कैंसर के इलाज के दौरान हुई. झारखंड में एक परिवार में कोरोना पीड़ितों की मौत की यह सर्वाधिक संख्या है. महिला के छह बेटे थे. एक बेटा दिल्ली में रहता है.

दिल्ली से शादी समारोह में आयी थी मां : पांचों पुत्रों की 88 वर्षीया मां अपने एक नाती के शादी समारोह में शिरकत करने दिल्ली से 29 जून को कतरास आयी थी. धूमधाम से शादी हुई. लेकिन शादी के बाद वह बीमार पड़ गयी. उसकी मौत के बाद एक के बाद एक पांच मौत हो गयी. पता चला है कि इस परिवार में दो और सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं, जिनका इलाज चल रहा है. यह परिवार व्यवसाय से जुड़ा है.

चार जुलाई को मां की मौत : चास के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए 29 जून को भर्ती हुई मां की मौत चार जुलाई को हो गयी थी. शव का सैंपल लेकर जांच करायी गयी. सात जुलाई को बताया गया कि वह कोरोना से संक्रमित थी. महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. यह इस परिवार में पहली मौत थी.

10 जुलाई को पहले बेटे की मौत : महिला की मौत के बाद उसके परिवार के लोगों ने भी सैंपल देकर जांच करायी. करीब 65 साल का बेटा एक निजी रिसोर्ट में कोरेंटिन था. 10 दिनों से उसे सांस लेने में दिक्कत थी. 10 जुलाई की देर रात तबीयत बिगड़ने पर उसे पीएमसीएच लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. 11 जुलाई को पीएमसीएच में ट्रूनेट मशीन से शव के सैंपल की जांच की गयी. इसमें वह कोरोना संक्रमित मिला. आरटी पीसीआर जांच में भी वह कोरोना से संक्रमित पाया गया.

11 जुलाई को कोविड-19 अस्पताल में दूसरे बेटे की मौत : 67 साल के उसके दूसरे बेटे की मौत कोविड-19 अस्पताल में 11 जुलाई की देर रात हो गयी. आठ जुलाई को वह कोरोना से संक्रमित पाया गया था. इसके बाद उसे धनबाद के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसे भी सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.

तीसरे बेटे ने 12 को रिम्स में तोड़ा दम : 12 जुलाई को तीसरे बेटे की मौत रांची रिम्स में हो गयी. 72 साल के इस बुजुर्ग को नौ जुलाई को रांची रिम्स रेफर किया गया था. उसे भी सांस लेने में दिक्कत थी. वह आठ जुलाई को कोरोना संक्रमित मिला था. तीन दिनों तक चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गयी. रांची में ही उसके शव का अंतिम संस्कार किया गया.

16 जुलाई को हुई थी चौथे बेटे की मौत : लंग कैंसर से जूझ रहे महिला के पांचवें बेटे (60) की मौत टीएमएच जमशेदपुर में हो गयी थी. लंग कैंसर होने के कारण उसकी तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गयी थी. कुछ दिनों पहले उसे पीएमसीएच के सीसीयू में रखा गया था. यहां से परिजन 14 जुलाई को निजी अस्पताल ले गये थे. वहां से फिर जमशेदपुर ले जाया गया था.

19 जुलाई को पांचवे बेटे की मौत : महिला का चौथा बेटा (70) कोरोना से संक्रमित था. कोविड-19 अस्पताल में उसे आठ जुलाई को भर्ती किया गया था. इसी दिन जांच में यह संक्रमित पाया गया. तबीयत बिगड़ने के बाद उसे 13 जुलाई को रांची रिम्स रेफर किया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत 19 जुलाई हो गयी. उसे भी सांस लेने में दिक्कत थी. वह सेल्स टैक्स अधिवक्ता थे.

बाथरूम में गिरने से हुई थी मौत : रिम्स के कोविड अस्पताल के आइसीयू में भर्ती धनबाद के कोरोना संक्रमित (बुजुर्ग) की मौत बाथरूम में गिरने से हुई थी. वह पेशाब करने गये थे. मरीज के कुछ देर तक नहीं लौटने पर डॉक्टर वहां पहुंचे, लेकिन बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद था. इसके बाद ट्रॉलीमैन को बुला कर दरवाजा को तोड़ा गया. आनन-फानन में मरीज को आइसीयू में लाया गया. जीवनरक्षक उपकरण लगाने पर मरीज के मरने की पुष्टि हुई.

धनबाद के कोरोना संक्रमित की मौत बाथरूम में गिरने से हुई. बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद था. इसलिए तोड़ने में समय लगा. बाथरूम से उठा कर जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया, लेकिन तब तक मौत हो चुकी थी.

डॉ प्रदीप भट्टाचार्य, आइसीयू इंचार्ज

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