शरद पूर्णिमा 30 अक्टूबर, 2020 (शुक्रवार) यानी आज है। शरद पूर्णिमा (कोजागिरी लक्ष्मी पूजा) आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा (कोजागिरी पूर्णिमा) को कौमुदी यानी मूनलाइट में खीर को रखा जाता है। इस दिन शाम को मां लक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन किया जाता है। मान्यता है कि सच्चे मन ने पूजा- अराधना करने वाले भक्तों पर मां लक्ष्मी कृपा बरसाती हैं।
जानें क्यों किया जाता है शरद पूर्णिमा व्रत-
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक साहूकार की दो बेटियां थीं। दोनों पूर्णिमा का व्रत रखती थीं। एक बार बड़ी बेटी ने पूर्णिमा का विधिवत व्रत किया, लेकिन छोटी बेटी ने व्रत छोड़ दिया। जिससे छोटी लड़की के बच्चों की जन्म लेते ही मृत्यु हो जाती थी। एक बार साहूकार की बड़ी बेटी के पुण्य स्पर्श से छोटी लड़की का बालक जीवित हो गया। कहते हैं कि उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक मनाया जाने लगा।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त-
30 अक्टूबर की शाम 05:47 मिनट से 31 अक्टूबर की रात 08:21 मिनट तक।
शरद पूर्णिमा के दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्त-
सुबह 09:30 बजे से रात 08:30 बजे तक।
सुबह 09:30 से दोपहर 12:30 बजे तक।
दोपहर 01:30 बजे से शाम 07:30 बजे तक।
मां लक्ष्मी की ऐसे करें पूजा-
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद एक साफ चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। अब लक्ष्मी जी विधि-विधान से पूजा करके लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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