नई दिल्ली : मुस्लिमों में एक बार में तीन तलाक कहने के चलन को फौजदारी अपराध बनाने संबंधी विधेयक को आज राज्यसभा में रखा गया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल को सदन के पटल पर रखा. राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने मांग की कि यह बिल सेलेक्ट कमेटी के पास जाए. कांग्रेस ने कहा कि सरकार इस बिल पर सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट पेश करे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पुरानी परंपराओं को तोड़ते हुए अचानक बिल पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए, क्योंकि इसकी कई वजहें हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि आनंद शर्मा (कांग्रेस) प्रस्ताव पेश करें और बिल को तुरंत सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया जाए. उन्होंने कहा कि बिल की कॉपी पहले ही सांसदों को बांटी जा चुकी है. जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन तलाक पर दिए निर्णय की मियाद फरवरी में खत्म हो रही है. अरुण जेटली के बयान के बाद सदन में खूब हंगामा हुआ.
अरुण जेटली ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया देख रही है कि लोकसभा में तो कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन किया और राज्यसभा में विरोध कर रही है. इससे पहले आनंद शर्मा ने कहा कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए ताकि बिल में जरूरी सुधार हो सके. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिल का विरोध नहीं कर रही है बल्कि इसमें और सुधार की जरूरत है. आनंद शर्मा ने कहा कि संसद रबर स्टैंप की तरह काम नहीं करती. नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लोकसभा में बीजेपी का बहुमत है तो राज्यसभा में उनका. और सदन बहुमत से चलता है.
विरोध नेताओं द्वारा लगातार विरोध किए जाने के कारण सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया.
बता दें कि यह बिल लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है. एक बार में तीन तलाक या तलाके बिद्दत के अपराध में पति को तीन साल की सजा के प्रावधान वाले इस विधेयक को पिछले सप्ताह लोकसभा में पारित किया गया था. राज्यसभा की कार्यसूची के अनुसार, मुस्लिम महिला (विवाह संबंधित अधिकारों का संरक्षण) विधेयक दो जनवरी को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद चर्चा एवं पारित कराने के लिए उच्च सदन में रखेंगे.