सीनेट में अगर महाभियोग प्रस्ताव पास भी हो जाता है, तो भी ट्रंप को 20 जनवरी से पहले राष्ट्रपति पद से नहीं हटाया जा सकता है.
वॉशिंगटन: अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने कैपिटल बिल्डिंग में कांग्रेस की बैठक के दौरान समर्थकों द्वारा हिंसा (Capitol Violence) भड़काने के आरोप में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी. इसके साथ ही अमेरिका में अभूतपूर्व सियासी संकट पैदा हो गया है. हालांकि सीनेट में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास कराना आसान नहीं होगा, क्योंकि वहां रिपब्लिकंस का दबदबा है. दूसरे सीनेट में अगर महाभियोग प्रस्ताव पास भी हो जाता है, तो भी ट्रंप को 20 जनवरी से पहले राष्ट्रपति पद से नहीं हटाया जा सकता है. यह अलग बात है कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग झेलने वाले अमेरिका के पहले राष्ट्रपति बन गए हैं.
कुछ रिपब्लिकन भी गए प्रस्ताव के पक्ष में
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 25वें संशोधन का इस्तेमाल कर पद से हटाने के लिए मना करने के बाद ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेटिक पार्टी के दबदबे वाली प्रतिनिधि सभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था. वोटिंग के दौरान ट्रंप के महाभियोग प्रस्ताव पर पक्ष में 232 और विपक्ष में 197 वोट पड़े. प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने वालों में 222 डेमोक्रेट्स सांसद रहे, जबकि 10 रिपब्लिकन. महाभियोग के लिए 218 मतों की जरूरत होती है. इसके साथ ही अमेरिका में सियासी संकट गहरा गया है.
सीनेट में आएगी दिक्कत
अब सबकी निगाहें सीनेट पर हैं. अगर महाभियोग का प्रस्ताव सीनेट में भी पास हो जाता है, तो डोनाल्ड ट्रंप को तय समय से पहले ही राष्ट्रपति का पद छोड़ना होगा. सीनेट में महाभियोग प्रस्ताव पारित पास कराने के लिए दो तिहाई सदस्यों के मतों की आवश्यकता होगी. हालांकि सीनेट में रिपब्लिकन नेताओं के पास 50 के मुकाबले 51 का मामूली अंतर से बहुमत है. ऐसे में प्रस्ताव पास कराना थोड़ा मुश्किल दिख रहा है, लेकिन कई रिपब्लिकन भी ट्रंप के खिलाफ है. ऐसे में वहां भी प्रस्ताव पारित हो सकता है. यह अलग बात है कि इस प्रक्रिया में कुछ समय लगेगा और ट्रंप 20 जनवरी को निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को सत्ता हस्तांतरण की घोषणा कर चुके हैं.
2019 में भी चला था महाभियोग
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर इससे पहले 2019 में भी महाभियोग चलाया गया था. हालांकि फरवरी 2020 में डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगियों रिपब्लिकन की बहुमत वाले सीनेट ने शक्ति के दुरुपयोग के आरोप को 52-48 के अंतर से खारिज कर दिया था. डोनाल्ड ट्रंप महाभियोग का आरोप लगने के बावजूद दोबारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले पहले व्यक्ति हैं. राष्ट्रपति ट्रंप के महाभियोग पर बहस के दौरान अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैंसी पलोसी ने कहा, ‘हम जानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस विद्रोह, देश के खिलाफ इस सशस्त्र विद्रोह के लिए उकसाया. उन्हें पद से हटना चाहिए. साफ है कि वह देश के लिए खतरा हैं.’
महाभियोग पर ट्रंप ने कहा… गुस्सा आ रहा है
इस बीच ट्रंप ने कहा, ‘यह महाभियोग जबरदस्त गुस्सा पैदा कर रहा है और आप यह कर रहे हैं. यह वास्तव में एक भयानक चीज है जो वे कर रहे हैं.’ ट्रंप के महाभियोग के मसौदे में अमेरिका की सरकार के खिलाफ हिंसा को उकसाने का आरोप है, जो उनके समर्थकों द्वारा कैपिटल हिल में किए हमले से संबधित है. ट्रंप ने जोर देकर कहा था कि चुनाव एक धोखाधड़ी था, उनकी बयानबाजी ने कैपिटल पर पिछले बुधवार को उनके समर्थकों को भेजा था, जिन्होंने जमकर उत्पात मचाया, जब कांग्रेस जो बाइडेन के इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों को प्रमाणित करने की प्रक्रिया में थी. हमले में एक पुलिस अधिकारी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी.
This criminal attack was planned & coordinated. It was carried out by political extremists & domestic terrorists, who were incited to this violence by President Trump. It was an armed insurrection against the US and those responsible must be held accountable: US President-elect https://t.co/8aRSNSAF4k
— ANI (@ANI) January 14, 2021
…No true supporter of mine could ever threaten or harras their fellow Americans. If you do any of these things you are not supporting our movement, you are attacking it and our country. We can't tolerate it: US President Donald Trump https://t.co/xT4flThwLs
— ANI (@ANI) January 13, 2021
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