नई दिल्ली: अप्रवासी भारतीयों यानी की एनआरआई के लिए खुशखबरी है. UIDAI ने एनआरआई को बड़ी राहत दी है. उन्हें अब बैंक खाते, पैन कार्ड और अन्य सेवाओं के लिए आधार लिंक करने की जरूरत नहीं होगी. यूआईडीएआई ने ये सुविधा सिर्फ एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई को दी है. बाकी के लिए पहले की तरह नियम बरकरार है. एनआरआई से अलग बाकी सभी लोगों को बैंक खाते, पैन कार्ड, मोबाइल नंबर समेत तमाम सेवाओं को आधार से लिंक कराना ही होगा.
सिर्फ इन्हें मिली है छूट
यूआईडीएआई ने भले ही एनआरआई को बैंक, पैन कार्ड समेत कई सेवाओं में आधार लिंक करवाने में छूट दी है, लेकिन प्राधिकरण ने इन मामलों से जुड़ी एजेंसियों को आदेश दिया है कि ऐसे व्यक्तियों की पुष्टि के लिए तुरंत एक मकैनिज्म तैयार करने को कहा है जिसकी मदद से ऐसे एनआरआई की पहचान हो सके और ये सुनिश्चित किया जा सके कि ये छूट सही लोगों को मिल रही है.
अनिवार्य है आधार लिंकिंग
यूआईडीएआई ने कहा कि सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों और अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों को ध्यान रखना चाहिए कि दस्तावेज के रूप में आधार केवल उन लोगों से मांगा जा सकता है जो आधार अधिनियम के तहत पात्र हैं. ज्यादातर प्रवासी भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्तियों/ओसीआई आधार नामांकन के लिए पात्र नहीं हो सकते हैं. यूआईडीएआई ने राज्य सरकारों और केंद्रीय मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा कि लाभ और सेवाओं के लिए आधार को जोड़ने या जमा करने संबंधी कानून आधार अधिनियम 2016 के अनुसार निवासियों के लिए लागू होते हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग रोकने में मदद मिलेगी
बीते 21 अक्टूबर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्पष्ट किया था कि बैंक खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य है. बैंक ने साथ ही कहा कि उसने इस बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं, बल्कि यह भारत सरकार का फैसला है. शीर्ष बैंक ने स्पष्ट किया कि लागू मामलों में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (मेंटनेंस ऑफ रिकॉर्डस) द्वितीय संशोधन नियम, 2017 के तहत आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना अनिवार्य है.