केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) ने प्रदर्शनकारियों को पाकिस्तान भेजने की बात कहने वाले मेरठ एसपी के खिलाफ जल्द कार्रवाई की मांग की है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नकवी ने कहा कि अगर यह सच है तो निंदनीय है। पुलिस अधिकारी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘किसी भी स्तर पर हिंसा (चाहे वह पुलिस द्वारा हो या भीड़ द्वारा) अस्वीकार्य है। यह लोकतांत्रिक देश का हिस्सा नहीं हो सकता। पुलिस को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो निर्दोष हैं, वे प्रताड़ित न हों।’
Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi on viral video of Meerut SP: If it is true that he made that statement in the video, then it is condemnable. Immediate action must be taken against him. (28.12.2019) pic.twitter.com/gkb0od3tBs
— ANI (@ANI) December 29, 2019
शनिवार को सामने आए एक वायरल वीडियो में मेरठ सीटी एसपी अखिलेश नारायण सिंह नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक मुस्लिम समूह से पाकिस्तान चले जाओ, कहते हुए दिखाई दे रहे हैं। ये वीडियो 20 दिसंबर का है जब मेरठ में नागरिकता कानून के विरोध में किया जा रहा प्रदर्शन हिंसक रूप ले लिया था।
एसपी बोले- प्रदर्शनकारी लगा रहे थे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे
इस पूरे मामले पर एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने कहा कि जो कुछ भी वीडियो में सुना गया है वह प्रदर्शनकारियों के उस ग्रुप को जवाब था, जब वे सभी पाकिस्तान के समर्थन में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘प्रतिक्रियास्वरूप, मैंने यह सलाह दी कि यह बेहतर होगा कि पाकिस्तान चले जाएं जहां के समर्थन में वे नारे लगा रहे थे।’ उन्होंने सवाल किया कि क्यों वे लोग पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगा रहे थे? एसपी सीटी ने आगे कहा, ‘मैं ऐसा मानता हूं कि जो अपने मुल्क को प्यार करता हो वो कभी भी ऐसे नारों को बर्दाश्त नहीं करेगा।’
एडीजी ने भी दी सफाई, एसपी का किया बचाव
वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। मेरठ जोन के एडीजी ने भी मामले पर सफाई दी। एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘पत्थरबाजी की जा रही थी। भारत विरोधी और पड़ोसी देश के समर्थन में नारे लगाए जा रहे थे। स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो चुकी थी। पेम्फलेट्स बांटे जा रहे थे। यह सब धर्म गुरूओं और अन्य तरीकों से अपील के बावजूद हो रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘हां, अगर स्थिति सामान्य होती तो शब्दों का चयन बेहतर होता लेकिन स्थिति काफी बिगड़ गई थी और हमारे अधिकारियों ने काफी संयद दिखाया। पुलिस की तरफ से कोई फायरिंग नहीं की गई।’