लखनऊ: उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मानसून की भारी बारिश आफत बनकर आई है. इससे कई हिस्से इस वक्त बाढ़ की चपेट में हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश और तराई के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. बलरामपुर जिले में बाढ़ जैसे हालात शुरू हो गए हैं. जिले के तराई क्षेत्रों में तमाम गांवों में पानी घुस चुका है. जिले से गुजरने वाली राप्ती नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है. प्रति घंटा 2 सेंटीमीटर राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. नदी का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो स्थिति भयावह हो सकती है.
ऊग्र रूप में आ गई है राप्ती
महाराजगंज तराई क्षेत्र, शिवपुरा, हरैया व जिला मुख्यालय से तुलसीपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग स्थित लौकहवा डिप पर भारी जलजमाव हो चुका है, जिससे आवागमन भी बाधित हो रहा है. शनिवार रात लगातार करीब आठ घंटे हुई भारी बारिश से राप्ती का जलस्तर भी खतरे के निशान को पार कर गया है. नदी खतरे के निशान से करीब 8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.राप्ती भी आसपास के तमाम गांव को अपनी चपेट में लेने के लिए बेताब हो रही है.
राप्ती नदी के तट पर रहने वाले रामकुमार ने बताया कि प्रशासन व शासन द्वारा अभी राप्ती नदी के तट पर एक भी नाव का इंतजाम नहीं किया गया है. अगर बाढ़ आ जाती है तो तमाम लोगों की जान भी जा सकती है. पानी बढ़ने से आसपास के दर्जनों गांवों मन्नीपुरटिकुइया, सोनार, बलरामपुर देहात, धर्मपुर, बंजारी, गंगाडिहवा, गुर्जरपुरवा, सिसई, लौकहवा, रंजीतपुर, गांव चपेट में आ जाएंगे.
सरयू नदी चेतावनी के निशान को पार कर गई
अयोध्या और तुर्तीपार पर सरयू नदी चेतावनी के निशान को पार कर गई है. यह गोरखपुर के कुछ इलाकों के लिए खतरे का संकेत है, इसलिए गोरखपुर की सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है.
सिंचाई एवं जल संसाधान विभाग के मुख्य अभियंता ए.के. सिंह ने बताया कि शारदा नदी जिसका गेज स्थल पलिया कलां लखीमपुर खीरी है, वहां पर शरदा नदी 153 खतरे निशान पार करते हुए 154.072 मीटर पर बह रही है. सरयू बैराज का जलस्तर 131.80 मीटर पर बह रही है, जबकि खतरे का निशान 133.50 है. यह स्थित कुछ सामान्य है. गंगा बलिया का 52.980 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 57.61 मीटर है. इस समय जलस्तर स्थिर है.
शारदा नदी उफान पर
सीतापुर (म्योढ़ी छोलहा) गांव में शारदा नदी उफान पर है. नदी ने कटान शुरू कर दिया है.गौलोक कोडर क्षेत्र में घाघरा नदी का जलस्तर उफान पर चल रहा है. बिसवां एसडीएम किंशुक श्रीवास्तव ने बताया कि शारदा व घाघरा नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, लेकिन अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं.
गंगा में उफान से डेढ़ मीटर जलस्तर बढ़ा
गंगा में उफान से काशी के घाटों की सीढ़ियां तेजी से बाढ़ के पानी में डूबने लगी हैं. चौबीस घंटे में इसका करीब डेढ़ मीटर जलस्तर बढ़ गया है. नाविकों को अलर्ट कर दिया गया है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, वाराणसी में जलस्तर पांच सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है.
बाढ़ राहत आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, “बाढ़ ग्रासित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है। जहां-जहां जलभराव ज्यादा हो गया है, वहां के लोगों को उस जिले के अधिकारी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं। एनडीआरएफ टीमों को अलर्ट कर दिया गया है। हर चुनौती से निपटने की पूरी तैयारी है।