अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैस ने दावा किया है कि चीन की वुहान लैब के बजाय अमेरिका के एक प्रयोगशाला से कोरोना वायरस लीक हुआ है.
नई दिल्ली: अमेरिकी अर्थशास्त्री जेफरी सैस ने दावा किया है कि चीन की वुहान लैब के बजाय अमेरिका के एक प्रयोगशाला से कोरोना वायरस लीक हुआ है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जेफरी सैस ने महामारी की उत्पत्ति की दो साल की जांच का नेतृत्व किया, वह ‘काफी आश्वस्त’ थे कि ‘कोविड-19 यूएस लैब बायोटेक्नोलॉजी’ का परिणाम है. अर्थशास्त्री सैन ने स्पेनिश वैश्वीकरण थिंक-टैक गेट सेंटर के एक सम्मेलन में कहा, ‘मैंने कोविड पर दो साल तक लैसेंट के लिए एक आयोग की अध्यक्षता की है.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि कोविड यूएस लैब बायोटिक्लॉजी से निकला है. मैंने दो साल के गहन अध्ययन के बाद इसका उल्लेख किया है. तो मेरे विचार में यह एक भूल है कि कोविड दुर्घटना या प्राकृतिक है.’ कोविड-19 महामारी के दो साल बाद भी अभी तक कोई जानकारी नहीं कि इस महामारी की उत्पत्ति कैसे हुई.
कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच की जरूरत- WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने पिछले महीने कहा था कि कोविड-19 लैब लीक थ्योरी की ‘आगे की जांच’ की जरूरत है. फिर उन्होंने कहा कि एक सीनियर यूरोपिय राजनेता ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि महामारी चीन की वुहान लैब से ही निकली है. सैस ने कहा कि ‘इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि इसकी जांच होनी चाहिए और इसकी जांच अमेरिका में ही की जानी चाहिए’.
चीन भी आया सामने
सैस को टाइम मैग्जीन के दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि वास्तविक कारणों से, वे (अमेरिकी अधिकारी) बहुत ज्यादा नहीं देखना चाहते हैं.’ वहीं डेली मेल ने कहा कि एक चीनी सरकारी अधिकारी ने कहा कि सैस के दावे की गहन जांच की जरूरत है.
अब हर रोज़ 4000 नहीं 5000 लोग 1 रूपए में भरपेट खाना खाएंगे!
पाँचवी जन रसोई! pic.twitter.com/HgPBvQ05yr
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 5, 2022
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