वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा है कि अमेरिका ने मुक्त और खुले हिंद…प्रशांत के अपने प्रयासों के तहत भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत बनाया है. टिलरसन का यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन क्षेत्र में अपना दखल बढ़ाने के प्रयास में है. अमेरिका रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में साझा हितों को आगे बढ़ाने के लिए लंबे समय से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की एक बड़ी भूमिका का पक्षधर रहा है. टिलरसन ने कहा, ‘‘मुक्त और खुले हिंद…प्रशांत के प्रयासों के तहत हमने भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लंबे समय से हिंद…प्रशांत क्षेत्र में जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच एक त्रिपक्षीय संबंध रहा है. अब हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि क्या यह चतुष्कोणीय बनेगा ताकि इसमें भारत को शामिल किया जा सके. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का महत्व बढ़ रहा है और मेरा मानना है कि भारत के साथ हमारी साझा राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताएं हैं.’’ चीन के साथ अमेरिका के संबंध पर उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास अब एक बहुत सक्रिय तंत्र है जिसमें वह जटिल मुद्दों को बातचीत की मेज पर रख सकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच मदभेद हैं, जैसे दक्षिण चीन सागर और चीन द्वारा ढांचों का निर्माण, इन ढांचों का सैन्यीकरण करना तथा वह क्षेत्र में हमारे सहयोगियों को और मुक्त एवं खुले व्यापार के मामले में कैसे प्रभावित करता है.’’ टिलरसन ने कहा, ‘‘जैसा कि हमने चीन से कहा है, हम उम्मीद करते हैं कि हम इस विशेष गतिविधि पर रोक के लिए एक रास्ता निकाल सकते हैं. क्या हम इसे पलट सकते हैं, यह देखने की बात होगी. यद्यपि यह हमें स्वीकार्य नहीं है कि इन द्वीपों को विकसित किया जाना जारी रहे और वह भी निश्चित रूप से सैन्य उद्देश्यों के लिए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिणपूर्व एशिया में हमने एक नीति सामने रखी थी, ऐसा बहुत समय पहले नहीं हुआ था. वह नीति थी एक मुक्त और खुले हिंद…प्रशांत की तथा इसका निर्माण चीन के ‘बन बेल्ट, वन रोड’ नीति के बाद हुआ था. हमारी समझ है कि चीन की ‘बन बेल्ट, वन रोड’ नीति आर्थिक विकास को जारी रखने के लिए है और हमारी नीतियों का उद्देश्य चीन के आर्थिक विकास पर रोक लगाना नहीं है.’’