Huawei and zte, united state, FCC: भारत के द्वारा चीन की कई मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित करने के बाद अमेरिका ने भी बड़ा एक्शन लिया है. अमेरिका में चीन की दो कंपनियों को बैन कर दिया गया है. अमेरिका ने सुरक्षा के लिए खतरा बता कर दिग्गज चीनी टेक कंपनी हुआवे और जेडटीई पर अमेरिका में कारोबार करने से बैन लगा दिया है.अमेरिका के फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन(एफसीसी) ने मंगलवार को 5-0 की वोटिंग के आधार पर इन कंपनियों को खतरनाक बताया.
बता दें कि अमेरिकी सरकार ने इन कंपनियों से करार भी किया हुआ था, इसमें 8.3 बिलियन डॉलर का सामान खरीदना था, लेकिन अब इसपर भी रोक लग गयी है. गौरतलब है कि भारत में भी हुआवे पर संकट बरकरार है, बीते दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस मसले पर बातचीत हुई थी. इसमें 5जी नेटवर्क आवंटन में हुआवे दावेदार है, लेकिन अब इसपर रोक लग सकती है. बता दें कि सोमवार को भारत ने चीन के 59 मोबाइल ऐप्स को सुरक्षा कारणों से बैन कर दिया
चाइनीज कंपनियों के इक्विपमेंट्स को हटाना होगा
अमेरिका के न्यूज वेबसाइट्स के मुताबिक, अमेरिकी एजेंसी फेडरल कम्युनिकेशन कमिशन देश की समस्त कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को रेग्युलेट करती है. एफसीसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी नेटवर्क्स के सुरक्षा खतरों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. एफसीसी ने साफ-साफ कहा है कि टेलिकॉम कंपनियों को अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर से इन दोनों चाइनीज कंपनियों के इक्विपमेंट्स को हटाना होगा.
एफसीसी चेयरमैन अजित पाई ने कहा कि हम चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करने देंगे. हालांकि, अभी तक इस फैसले पर दोनों कंपनियों का कोई बयान सामने नहीं आया है.जब नवंबर में उसके विरोध में वोटिंग हुई थी, तब उसने एफसीसी की कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी.
हुआवे पहले से ही ब्लैक लिस्ट में
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल मई में एक आदेश पारित किया था. इसके अनुसार, जो भी कंपनी देश की सुरक्षा के लिए खतरा है उनके साथ किसी तरह की टेलिकम्युनिकेशन का कारोबार नहीं किया जाएगा. अमेरिकी प्रशासन का पहले से ही हुआवे के साथ विवाद चल रहा है और इसे ब्लैक लिस्ट में डाला गया है.
BREAKING NEWS: The @FCC has designated #Huawei and #ZTE as companies posing a national security threat to the United States. As a result, telecom companies cannot use money from our $8.3B Universal Service Fund on equipment or services produced or provided by these suppliers. 1/5 pic.twitter.com/dH6QK4jbd4
— Ajit Pai (@AjitPaiFCC) June 30, 2020
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