वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश की नयी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) की घोषणा करते हुए पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी सरजमीन से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ ‘‘निर्णायक कार्रवाई’’ करे. एनएसएस के अनुसार, पाकिस्तान अपनी परमाणु संपत्ति का जिम्मेदार रखवाला है, यह दर्शाने के लिए अमेरिका उसे प्रोत्साहित करेगा. संसद से मंजूरी मिलने के बाद ट्रंप ने सोमवार (18 दिसंबर) को अपनी पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की जिसमें अमेरिका ने पाकिस्तान से अपनी आतंकवाद विरोधी गतिविधियां तेज करने को कहा है.
अपनी एनएसएस की घोषणा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि हम उसके साथ अच्छी साझेदारी चाहते हैं लेकिन, हम उसकी धरती से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई भी देखना चाहते हैं. हम पाकिस्तान को प्रति वर्ष बड़ा भुगतान करते हैं. उन्हें मदद करनी होगी.’’ पाकिस्तान को 9/11 हमले के बाद से अभी तक अमेरिका से 33 अरब डॉलर की राशि मिली है.
इसमें कहा गया है, ‘‘हम पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तेज करने का दबाव बनाएंगे, क्योंकि अपने साझेदार के सुरक्षा बलों और अधिकारियों को निशाना बनाने वाले चरमपंथियों और आतंकवादियों को समर्थन देने वाले देश के साथ कोई सहयोग जारी नहीं रह सकता.’’ एनएसएस अपने प्रयासों को सुरक्षा में सुधार के अलावा पाकिस्तान के साथ व्यापार और निवेश को बढ़ाने से भी जोड़ता है. सत्ता में आने के बाद ट्रंप प्रशासन पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रूख अपना रहा है, लेकिन पाकिस्तानी नेतृत्व द्वारा आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में आनाकानी के बावजूद उसपर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति (एनएसएस) में भारत को एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति बताते हुए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि इससे भारत के साथ अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी तथा वह भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा कायम रखने के लिए भारत के नेतृत्व क्षमता के योगदान का समर्थन करता है. एनएसएस के 68 पन्नों वाले इस दस्तावेज में कहा गया है कि अमेरिका जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ सहयोग बढ़ाएगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (18 दिसंबर) को राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी की. सुरक्षा रणनीति में कहा गया, ‘ हम भारत के वैश्विक शक्ति के रूप में मजबूत रणनीतिकार और रक्षा सहयोगी के रूप में उभरने का स्वागत करते हैं.’
एनएसएस में कहा गया, ‘हम अमेरिका के बड़े रक्षा सहयोगी भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाएंगे. हम क्षेत्र में भारत के बढ़ रहे संबंधों का समर्थन करते हैं.’ भारत-अमेरिका रक्षा संबंध की चर्चा भारत-प्रशांत क्षेत्र के संदर्भ में किया गया है. इस क्षेत्र में अमेरिका ने भारत को दक्षिणी और मध्य एशिया में महत्वपूर्ण कार्य सौंपा है. इस सुरक्षा नीति को लेकर व्हाइट हाउस का कहना है कि यह अमेरिका के लिए सकारात्मक रणनीतिक दिशा तय करेगी जिससे दुनिया में अमेरिकी बढ़त फिर कायम होगी और इससे देश को मजबूती मिलेगी.