उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच जारी तनाव लगातार गहराता जा रहा है. दोनों में से कोई भी देश पीछे हटने को तैयार नहीं हैं और धमकियों का सिलसिला जारी है. उत्तर कोरिया और अमेरिका एक-दूसरे के साथ आर-पार की जंग में मूड में नजर आ रहे हैं. लिहाजा अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप में अपनी ताकत दिखाने के लिए दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है.
अमेरिका समेत संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और चेतावनी को दरकिनार कर उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल और परमाणु परीक्षण कर रहा है. इससे अमेरिका समेत दुनिया के देश पूरी तरह हलाकान हो गए हैं. ऐसे में अब उत्तर कोरिया को साधने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है.
बुधवार को इस सैन्य अभ्यास के दौरान कोरियाई प्रायद्वीप में अमेरिकी B-1B बमवर्षक विमान दहाड़ता नजर आया. उत्तर कोरिया की ओर से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण करने के एक सप्ताह बाद अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने यह संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू किया है.
वहीं, इससे बिफरे उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है. उत्तर कोरिया ने कहा कि इस तरह के सैन्य अभ्यास के जरिए कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु युद्ध की ओर धकेला जा रहा है. अमेरिकी बमवर्षकों ने गुआम हवाई क्षेत्र से उड़ान भरी.
शुक्रवार तक चलने वाले इस संयुक्त अभ्यास में अमेरिका के F-22 और F-35 स्टील्थ फाइटर भी शामिल हो रहे हैं. मालूम हो कि हाल ही में उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्वीपीय बलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था और दावा किया था कि अमेरिका इस मिसाइल की जद में है. वहीं, चीन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा है.
उत्तर कोरिया ने दी अमेरिका को धमकी
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास से भड़के उत्तर कोरिया ने परमाणु युद्ध को लेकर साफतौर पर चेताया है कि इस कदम के जरिए अमेरिका उसे परमाणु युद्ध के लिए उकसा रहा है. उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री के मुताबिक अमेरिका और दक्षिण कोरिया के सैन्य अभ्यास से परमाणु युद्ध के शुरू होने की संभावना है. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन इसके लिए दोषी है और कोरियाई प्रायद्वीप पर इस तरह से अभ्यास करना अमेरिका को महंगा साबित होगा.
घातक साबित हो सकती है ये कार्रवाई
भले ही अमेरिकी एयरफोर्स और दक्षिण कोरिया की ये मिलिट्री ड्रिल दुश्मन को अपनी ताकत दिखाने के मकसद से हो रही हो, मगर जानकार भी इसे अमेरिका की तरफ नॉर्थ कोरिया सुप्रीम लीडर किम जोंग उन को भड़काने वाली कार्रवाई मान रहे हैं. जो इस पूरे प्रायद्वीप के लिए घातक साबित हो सकती है. उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियार हैं और वह अमेरिका के खिलाफ इनका इस्तेमाल कर सकता है.