अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अचानक चीन को 72 घंटे के भीतर ह्यूस्टन स्थित अपना (चीनी) वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया है.
वाशिंगटन: अमेरिका और चीन (America China) के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका ने एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए अचानक चीन को 72 घंटे के भीतर ह्यूस्टन स्थित अपना (चीनी) वाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया है. जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं. देश में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा (Donald Trump) चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाने के सिलसिले में यह नया कदम है. ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर चीन अपना व्यवहार नहीं बदलता है तो और दूतावासों को बंद किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: मुकेश अंबानी बने दुनिया के 5वें नंबर के अमीर, फेसबुक के जकरबर्ग की रैंकिंग पर खतरा
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, ह्यूस्टन पुलिस को सूचना मिली थी कि चीनी अधिकारी मंगलवार शाम वाणिज्य दूतावास में दस्तावेज जला रहे थे. एक न्यूज रिपोर्टर के वीडियो में वाणिज्य दूतावास के प्रांगण में कई लोग और आग लगे दस्तावेज और कई ट्रैश कैन नजर आए. न्यूयॉर्क पोस्ट ने कहा कि ह्यूस्टन के अग्निशमनकर्मी और पुलिस जब महावाणिज्यदूत कार्यालय पहुंचे तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया. इसके बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि उसने 72 घंटों के भीतर वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है. उसने आरोप लगाया कि चीनी एजेंटों ने टेक्सास में संस्थानों से डेटा चुराने की कोशिश की.
अमेरिका की इस कार्रवाई से चीन तिलमिला उठा है. चीन ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी सिक्योरिटी ने उसके राजनयिक कर्मचारियों और छात्रों को परेशान किया और पर्सनल इलेक्ट्रिकल डिवाइस को जब्त कर लिया और उन्हें बिना किसी कारण के हिरासत में ले लिया. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘चीन इस तरह के अपमानजनक और अनुचित कदम की कड़ी निंदा करता है, जो चीन-अमेरिका संबंध बिगाड़ देगा. हम अमेरिका से अपने गलत फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह करते हैं. अन्यथा चीन उचित और आवश्यक जवाब देगा.’
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच न केवल कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर बल्कि व्यापार, मानवाधिकारों, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर में चीन के दावे को लेकर भी तनाव चल रहा है. चीनी अधिकारियों, छात्रों और शोधकर्ताओं के खिलाफ ट्रंप प्रशासन के पहले उठाए गए कदमों में यात्रा प्रतिबंध, पंजीकरण आवश्यकताएं और अमेरिका में चीनी नागरिकों की मौजूदगी कम करने की मंशा वाले अन्य कदम भी शामिल हैं. ये कदम ऐसे समय में उठाए गए हैं जब ट्रंप ने अमेरिका में कोरोना वायरस फैलने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है.
पसंद आया तो—— कमेंट्स बॉक्स में अपने सुझाव व् कमेंट्स जुरूर करे और शेयर करें
आईडिया टीवी न्यूज़ :- से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें फेसबुक यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो लाइक करें